अब 50 किलोग्राम तक के वजन के साथ जल्द किए जाएंगे ड्रोन के ट्रायल
प्रदेश में बरसात के चलते आई आपदा में आपातकालीन समय में दवाइयों सहित और जरूरी स्वास्थ्य सामग्री जरूरतमंदों तक भेजने में अधिक कारगर साबित होने के बाद अब ड्रोन पर और अधिक फोकस किया जाएगा

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 04-09-2023
प्रदेश में बरसात के चलते आई आपदा में आपातकालीन समय में दवाइयों सहित और जरूरी स्वास्थ्य सामग्री जरूरतमंदों तक भेजने में अधिक कारगर साबित होने के बाद अब ड्रोन पर और अधिक फोकस किया जाएगा। अब 50 किलोग्राम तक के वजन के साथ ड्रोन के ट्रायल जल्द किए जाएंगे।
प्रदेश आईटी विभाग ने इसकी तैयारी शुरू कर दी है। यह ट्रायल मंडी, कुल्लू, कांगड़ा और शिमला में होंगे। अभी तक कुछ कंपनियों नैनो ड्रोन 250 ग्राम से कम वजन उठाते हैं, मैक्रो ड्रोन 250 ग्राम से 2 किग्रा तक वजन उठाते हैं और ड्रोन दो किग्रा से दस किलोग्राम वजन ही उठाते हैं। अधिक भार वाली वस्तुओं को ले जाने में यह अभी सक्षम नहीं हैं।
हाल ही में आई आपदाओं में नए ड्रोन की सेवाएं लेने के बाद अब इनकी आपातकाल में अधिक जरूरत को देखते हुए बड़े ड्रोन की आवश्यकता पर अधिक फोकस किया जा रहा है। हालांकि देश का सबसे बड़ा ड्रोन उतारने का दावा आईआईटी मंडी की ओर से किया जा रहा है।
अरुणाचल प्रदेश में 50 किलोग्राम तक के ड्रोन के सफल ट्रायल कर लिए हैं, लेकिन अब प्रदेश में आईटी विभाग ने इस दिशा में आगे बढ़ते हुए 50 किलोग्राम तक के सामान उठाने का ट्रायल करने की तैयारी की है।
आईटी विभाग के निदेशक नरेंद्र कुमार ने बताया कि प्रदेश में ड्रोन को हर क्षेत्र में प्रयोग किया जा रहा है। अभी कम वजन के ही ड्रोन के प्रयोग किए जा रहे हैं। अब बड़ा ड्रोन जो 50 किलोग्राम से अधिक वजन उठा सके। उनके ट्रायल किए जाएंगे।
प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र में ड्रोन की शुरूआत मंडी से की गई है। इसके लिए क्वार्ड, हैक्जा, ओक्टा और वीटॉर कॉप्टर ड्रोन का इस्तेमाल किया जाता है। प्रदेश सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं के लिए पूरे प्रदेश में ड्रोन की सेवाएं लेने का फैसला लिया है।
मंडी जिले में ही पहले यह प्रयोग सफल रहा था, इसके बाद जिला शिमला में इसका इस्तेमाल किया गया। यह ड्रोन लंबी दूरी की उड़ानें भरने में सक्षम हैं और यह करीब 300 किलोमीटर तक की दूरी तय करने में कारगर हैं।
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