सीपीएस मामले में हाईकोर्ट में पूरी नहीं हुई बहस, नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 22 को भी होगी सुनवाई

प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। कोर्ट ने अपने आदेशों में पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 20 और 21 मई को सरकार का पक्ष सुना जाएगा, जिसके बाद यदि जरूरत पड़ी तो 22 मई को भी सरकार की बहस को सुना जाएगा। प्रतिवादियों की ओर से आज भी बहस पूरी न होने के कारण सुनवाई जारी रहेगी

May 21, 2024 - 19:44
May 21, 2024 - 20:08
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सीपीएस मामले में हाईकोर्ट में पूरी नहीं हुई बहस, नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर 22 को भी होगी सुनवाई

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  21-05-2024
प्रदेश हाईकोर्ट में सीपीएस की नियुक्तियों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई बुधवार को भी जारी रहेगी। कोर्ट ने अपने आदेशों में पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि 20 और 21 मई को सरकार का पक्ष सुना जाएगा, जिसके बाद यदि जरूरत पड़ी तो 22 मई को भी सरकार की बहस को सुना जाएगा। प्रतिवादियों की ओर से आज भी बहस पूरी न होने के कारण सुनवाई जारी रहेगी। 
कोर्ट ने पहले ही स्पष्ट किया है कि सरकार की ओर से बहस पूरी होने के बाद 27 मई से रोजाना आधार पर याचिकाकर्ताओं को अंतिम रूप से सुना जाएगा। न्यायाधीश विवेक सिंह ठाकुर व न्यायाधीश बीसी नेगी की खंडपीठ के समक्ष इन याचिकाओं पर सुनवाई हो रही है। सरकार की ओर से दलील दी गई है कि याचिकाकर्ताओं की पार्टी की सरकार के समय भी सीपीएस नियुक्त हुए थे और अब जब जनता ने इनको सरकार बनाने से वंचित किया तो इस सरकार की नियुक्तियों को चुनौती देने लगे।
 प्रार्थियों की ओर से कहा गया था कि प्रदेश में सीपीएस की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट के फैसलों के विपरीत हैं, इसलिए इनके द्वारा किया गया कार्य भी अवैध है। इतना ही नहीं, इनके द्वारा गैरकानूनी तरीके से लिया गया वेतन भी वापस लिया जाना चाहिए। प्रार्थियों की ओर से सीपीएस की नियुक्तियों पर रोक लगाने की गुहार लगाते हुए कहा गया था कि इन्हें एक पल के लिए भी पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है। 
इस मामले पर अब राज्य सरकार की ओर बहस जारी है। सरकार का कहना है कि कानून के तहत सीपीएस की नियुक्तियां की गई है और सरकार इस बाबत कानून बनाने की संवैधानिक शक्तियां रखती है।

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