कालाअंब कॉलेज ऑफ लॉ में शिक्षक दिवस का आयोजन बड़े उत्साह से आयोजित
हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ (एचपीसीएल), काला अंब, सिरमौर में 19 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। यह आयोजन भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हुआ, जो शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक

यंगवार्ता न्यूज़ - काला अंब 19-09-2025
हिमाचल प्रदेश कॉलेज ऑफ लॉ (एचपीसीएल), काला अंब, सिरमौर में 19 सितंबर को शिक्षक दिवस का आयोजन बड़े उत्साह के साथ किया गया। यह आयोजन भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान शिक्षाविद् डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन के उपलक्ष्य में हुआ, जो शिक्षकों के प्रति सम्मान और कृतज्ञता का प्रतीक है।
बार काउंसिल ऑफ इंडिया द्वारा मान्यता प्राप्त और हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय से संबद्ध यह कॉलेज सिरमौर के ग्रामीण क्षेत्र में विधि शिक्षा का एक महत्वपूर्ण केंद्र है। 5 सितंबर को हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा भारी बारिश और रेड अलर्ट के कारण घोषित अवकाश के चलते शिक्षक दिवस का आयोजन नहीं हो सका।
इस कमी को पूरा करने के लिए कॉलेज ने 19 सितंबर को यह समारोह आयोजित किया।कार्यक्रम का शुभारंभ सुबह 10 बजे सभागार में दीप प्रज्वलन और राष्ट्रीय गान के साथ हुआ। प्राचार्य डॉ. अश्वनी कुमार ने अपने उद्घाटन भाषण में शिक्षकों को "ज्ञान का प्रकाशस्तंभ" बताते हुए उनकी समाज निर्माण में भूमिका को रेखांकित किया।
छात्र संघ अध्यक्ष ने स्वागत भाषण में कहा, "शिक्षक हमारे भविष्य के निर्माता हैं। हिमालयन ग्रुप ऑफ प्रोफेशनल इंस्टीट्यूशंस (एचजीपीआई) के प्रबंधन ने छात्रों के प्रयासों की सराहना की और आयोजन की सफलता के लिए बधाई दी। एचजीपीआई के सीईओ मन्नत बंसल ने शिक्षकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षक न केवल छात्रों को शिक्षित करते हैं, बल्कि राष्ट्र निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने समारोह को जीवंत बनाया। छात्रों ने किन्नौर लोक नृत्य प्रस्तुत किया, जो हिमाचल की समृद्ध संस्कृति को दर्शाता था। नाटक "गुरु की महिमा" ने प्राचीन गुरुकुल परंपरा को जीवंत किया। कविता पाठ और गीतों ने शिक्षकों के प्रति छात्रों की भावनाओं को व्यक्त किया। वरिष्ठ छात्रों ने डॉ. राधाकृष्णन के जीवन और दर्शन पर प्रेरक भाषण दिए।
प्रोफेसर मनीषा नेगी, अंकित ठाकुर, शिल्पा, गायत्री, जसदीप, अनूपा, श्रुति और लाइब्रेरियन शक्ति उपस्थित रहीं। आयोजन शिक्षकों के प्रति सम्मान को दर्शाता है और भविष्य के विधिवेत्ताओं को प्रेरित करता है। एचजीपीआई प्रबंधन और छात्रों की सक्रिय भागीदारी ने इसे यादगार बना दिया।
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