ब्रह्म मुहूर्त में सुबह 4:00 बजे पश्मी मंदिर में विराजे छात्रधारी चालदा महासू महाराज
आखिरकार जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के लोगों की सदियों पुरानी मन्नत पूरी हो गई और छात्रधारी चालदा महासू महाराज उत्तराखंड से हिमाचल पधारे। प्रदेश के जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के पशमी मंदिर में विराजमान हो गए
हजारों लोग बने ऐतिहासिक क्षण के गवाह , एक वर्ष रहेगा महाराज का प्रवास
रमेश पहाड़िया -शिलाई 15-12-2025
आखिरकार जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के लोगों की सदियों पुरानी मन्नत पूरी हो गई और छात्रधारी चालदा महासू महाराज उत्तराखंड से हिमाचल पधारे। प्रदेश के जिला सिरमौर के शिलाई क्षेत्र के पशमी मंदिर में विराजमान हो गए ।आपको बता दें कि यह पहला ऐसा ऐतिहासिक पल है जब छात्रधारी चालदा महासू महाराज ने हिमाचल प्रदेश की पावन धरा पर कदम रखा है।
इससे पहले इतिहास में कहीं भी इस बात का जिक्र नहीं मिलता है कि छात्रधारी चालदा महासू महाराज कभी हिमाचल प्रदेश की पावन धरा पर पधारे हो । उत्तराखंड के दसऊ से चालदा महासू महाराज 8 दिसंबर को चले थे ।पांच दिनों की यात्रा करने के पश्चात 13 दिसंबर को चला महाराज महासू हिमाचल की सीमा पर विनाश में प्रवेश किया जहां हिमाचल प्रदेश सरकार के उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान नाहन के विधायक अजय बहादुर अजय सोलंकी समित हजारों लोगों ने महाराष्ट्र का स्वागत किया ।
13 दिसंबर को हिमाचल प्रदेश में चालदा महासू महाराज का पहला पड़ाव द्राविल था। चालदा महाराज रविवार को दोपहर की पूजा के पश्चात द्राविल से पश्मी के लिए रवाना हुए और 15 दिसंबर को सुबह ब्रह्म मुहूर्त में ठीक 4:00 बजे मंदिर में विराजमान हुए । इस दौरान चालदा महासू महाराज के साथ हजारों की भीड़ इस ऐतिहासिक क्षण के साक्षी बने ।
स्थानीय लोगों का कहना है कि कोविड काल के दौरान चालदा महाराज का देव चिन्ह कहे जाने वाला घाडुवा बकरा पश्मी पहुंचा था । इसी दौरान देवता के गुर ने कहा कि चालदा महासू महाराज का अगला पड़ाव पश्मी होगा । उसके बाद गांव के लोगों ने तेयतीत शुरू कर दी ओर मंदिर निर्माण का कार्य प्रगति से शुरू हुआ और गत वर्ष से इस काम ने और गति पकड़ी जब महाराज के आने की तिथि तय हुई।
डेढ़ वर्ष के बाद भव्य मंदिर बनकर तैयार हो गया । इसके चलते सोमवार तड़के 4:00 बजे छात्रधारी चालदा महासू महाराज मंदिर में विराजे । छत्रधारी चालदा महाराज के पुजारी राजेन्द्र सिंह नौटियाल ने बताया कि चालदा महासू महाराज एक वर्ष तक पश्मी में विराजमान रहेंगे । उसके बाद वापस उत्तराखंड के मशक जाएंगे ।
उन्होंने कहा कि मशक में भी महाराज का मंदिर बनकर तैयार हो गया है और 1 वर्ष के पश्चात वह मशक में विराजमान हो जाएंगे । रविवार को द्राविल से चलने के बाद शिलाई में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान समेत हजारों लोगों ने मुख्य बाजार में छात्रधारी चालदा महासू महाराज का स्वागत किया और सोमवार को सुबह 4:00 बजे छत्रधारी चालदा महासू महाराज मंदिर में विराजमान हो गए।
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