देश के संविधान की हत्या थी इमरजेंसी, कांग्रेस और इंदिरा गांधी इसके जिम्मेदार हैं : नेता प्रतिपक्ष
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 25 जनवरी 1975 को देश में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए थोपी गई इमरजेंसी लोकतंत्र का काला अध्याय है। भारत के संविधान की हत्या है। दुनिया भर में किसी भी लोकतांत्रिक सरकार द्वारा अतीत में कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाया गया। यह एक व्यक्ति को उसकी महत्वाकांक्षाओं के और देश के संविधान से बड़ा बन जाने के कारण है

नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि 25 जनवरी 1975 को देश में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा अपनी कुर्सी बचाने के लिए थोपी गई इमरजेंसी लोकतंत्र का काला अध्याय है। भारत के संविधान की हत्या है। दुनिया भर में किसी भी लोकतांत्रिक सरकार द्वारा अतीत में कभी भी ऐसा कदम नहीं उठाया गया। यह एक व्यक्ति को उसकी महत्वाकांक्षाओं के और देश के संविधान से बड़ा बन जाने के कारण है। अपने विरोधी नेताओं को जेल में अकारण ठूंस देना। उन्हें यातनाएं देना, आपातकाल की आम घटना थी।
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