उपलब्धि : दोनों बाजू गंवा चुके रजत कुमार ने पैरों की अंगुलियों से लिखी तकदीर, जेओए आईटी की परीक्षा में हुए उत्तीर्ण
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सुंदरनगर के गांव रडू के रजत कुमार ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। रजत ने एक हादसे में अपने दोनों बाजू गंवा दिए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पैरों की अंगुलियों से अपनी तकदीर लिख डाली।

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 24-02-2025
हिमाचल प्रदेश के जिला मंडी के सुंदरनगर के गांव रडू के रजत कुमार ने भी कुछ ऐसा ही कर दिखाया है। रजत ने एक हादसे में अपने दोनों बाजू गंवा दिए थे, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी और पैरों की अंगुलियों से अपनी तकदीर लिख डाली।
चुनौतियां सबके सामने आती हैं लेकिन उनसे वही जीत पाता है, जो इनका डटकर मुकाबला करता है। पैरों की अंगुलियों को हाथ बनाकर कड़ी मेहनत की और अब सुंदरनगर डिवीजन के लोक निर्माण विभाग में बतौर जेओए आईटी तैनात हुए हैं।
रजत ने दिव्यांगता श्रेणी में जूनियर ऑफिस असिस्टेंट (जेओए) आईटी की परीक्षा दी थी। इसमें वे उत्तीर्ण हुए हैं। महज सात साल की उम्र में हाइटेंशन विद्युत लाइन के पास खेलते समय रजत करंट से झुलस गए थे। दोनों बाजू काटनी पड़ीं। माता दिनेश कुमारी और पिता जयराम ने हिम्मत बढ़ाई तो रजत को विपरीत परिस्थितियों में ऊपर उठने की ताकत मिली।
अभिभावक बताते हैं कि रजत ने बाजू खोने के बाद पहले डॉक्टर बनने के लिए नीट दिया।नेरचौक मेडिकल कॉलेज में सीट भी मिल गई लेकिन मेडिकल बोर्ड ने उन्हें शारीरिक अक्षमता की वजह से यह कहकर डॉक्टर बनने से रोक दिया कि आपके बाजू नहीं हैं। रजत ने मनोविज्ञान विषय में मास्टर डिग्री भी ले ली।
मेहनत और लगन ने अब रजत को सरकारी नौकरी भी मिल गई। रजत प्रशासनिक सेवा में जाने के लिए तैयारी कर रहे हैं। बिना हाथों से भी सुंदर लिखने की कला और मुंह से चित्रकला में माहिर रजत अपने पैरों की अंगुलियों से लैपटॉप पर पूरा काम सामान्य कर्मचारी की तरह करते हैं।
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