यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 17-12-2025
हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों ने प्रदेश सरकार पर अनदेखी के आरोप लगाया साथ ही कर्मचारियों ने बिजली बोर्ड में चल रहे घाटे के लिए प्रबंधन के अधिकारियों को जिम्मेवार ठहराया है। बिजली बोर्ड सेवानिवृत्ति पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन ने जिला मुख्यालय नाहन में आज जिला स्तर पर पेंशनर दिवस मनाया। कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि पहुंचे विधायक अजय सोलंकी ने कहा कि सेवानिवृत कर्मचारी की समस्याओं को लेकर सरकार गंभीर है। उन्होंने माना कि सेवानिवृत कर्मचारियों की बड़ी मात्रा में वित्तीय लाभ लंबित पड़े हैं जिनकी जल्द क्रमवार तरीके से अदायगी की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सेवानिवृत कर्मचारियों से जुड़े विभिन्न मामलों को लेकर वह जल्द मुख्यमंत्री से विस्तार से बातचीत करेंगे।
विधायक ने कहा कि पेंशनर वर्षों तक ईमानदारी और निष्ठा से सेवा देने के बाद भी आज कई मूलभूत समस्याओं से जूझ रहे हैं। पेंशनरों की लंबे समय से लंबित मांगें, विशेषकर मेडिकल बिलों के भुगतान , डीए (महंगाई भत्ता) सहित अन्य विषयों को मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के समक्ष पुरजोर और प्रभावी ढंग से रखा जाएगा। उन्होंने कहा कि संयोगवश आज स्वयं मुख्यमंत्री जी भी घुमारवीं में पेंशनर दिवस कार्यक्रम में उपस्थित हैं , जिससे पेंशनरों की आवाज और अधिक मजबूती से सरकार तक पहुंचेगी।विधायक ने कहा कि मैं स्वयं भी और मुख्यमंत्री भी एक पेंशनर के बेटे हैं, इसलिए पेंशनरों की पीड़ा , संघर्ष और आवश्यकताओं को हम भली-भांति समझते हैं। सरकार पेंशनरों के सम्मान और अधिकारों के प्रति पूरी तरह संवेदनशील है।
मीडिया से बात करते हुए बिजली बोर्ड सेवानिवृत्ति पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव कमलेश पुण्डीर ने कहा कि सेवानिवृत्त कर्मचारियों की लगातार सरकार द्वारा अनदेखी की जा रही है और कर्मचारियों के करोड़ों रुपए के वित्तीय लाभ उन्हें नहीं मिल पा रहे है। कमलेश पुण्डीर ने यह भी कहा कि बिजली बोर्ड की करीब 600 करोड़ रुपए की अदाएगी विभिन्न विभागों पर लंबित पड़ी है जिसे वसूलने में बोर्ड के अधिकारी नाकाम साबित हुए है। उन्होंने कहा कि यदि यह पैसा बिजली बोर्ड को मिल जाता है तो इससे सेवानिवृत कर्मचारियों के वित्तीय लाभ की आसानी से अदायगी की जा सकती है। उधर सिरमौर पेंशनर्स एवं वरिष्ठ नागरिक कल्याण संघ द्वारा भी जिला स्तर पर पेंशनर दिवस मनाया गया जिसमें विभिन्न विभागों से सेवानिवृत हुए कर्मचारियों ने अपनी मांगों पर भी मंथन किया।