यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 21-11-2024
जिला सिरमौर के गिरिपार को हाटी जनजातीय दर्जे को लेकर दलित समाज और स्वर्ण समाज के बीच क्षेत्र के मंत्री द्वारा खाई बनाई गई है। यह बात शिमला में मीडिया से रूबरू हुए हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के अधिवक्ता और दलित समाज बचाओ मोर्चा के सदस्य अनिल मंगेट ने कहीं। अनिल मंगेट ने आरोप लगाया कि शिलाई क्षेत्र के मंत्री नहीं चाहते की गिरिपार की जनता को अनुसूचित जनजाति के लाभ मिले। उन्होंने कहा कि दलित और स्वर्ण समाज के बीच क्षेत्र के मंत्री द्वारा खाई बनाई गई है , जिसके चलते आज दोनों समाज के बीच मतभेद आ गए थे।
अनिल मंगेट ने साफ किया कि वह जिला सिरमौर के गिरिपार क्षेत्र को मिलने वाले जनजातीय दर्जे का स्वागत करते हैं। उन्होंने कहा कि क्षेत्र के मंत्री द्वारा जनता के हितों से खिलवाड़ किया गया है। अनिल ने कहा कि मंत्री ने हमेशा शिलाई क्षेत्र की जनता की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया है , जिसके चलते आज दलित समाज और स्वर्ण समाज के बीच एक खाई बन गई है। उन्होंने कहा कि मंत्री हाटी बिल को लेकर भी राजनीति कर रहे हैं जिसके चलते केंद्र सरकार द्वारा जिला सिरमौर की गिरिपार की जनता को दिया गया अनुसूचित जनजाति दर्जे का लाभ 2 वर्षों बाद भी नहीं मिल रहा है।
अनिल ने कहा कि दलित समाज के लोग कभी भी हाटी के विरोध में नहीं थे। वह केवल मात्र अनुसूचित जाति के हकों को बरकरार रखने की मांग कर रहे थे। उन्होंने हिमाचल प्रदेश सरकार से आग्रह किया था कि अनुसूचित जाति के हकों को बरकरार रखा जाए। साथ ही अत्याचार निवारण अधिनियम को भी यथावत रखा जाए। अनिल ने कहा कि वह हाटी जनजाति का स्वागत करते हैं और केंद्र सरकार द्वारा जिला सिरमौर के गिरिपार की जनता को बड़ी सौगात दी है , लेकिन इस बीच अनुसूचित जाति के लोगों को मिलने वाले हकों को बरकरार रखा जाना चाहिए।
मीडिया से रूबरू हुए अनिल मंगेट ने कहा की शिलाई क्षेत्र के मंत्री द्वारा हाटी मुद्दे को लेकर राजनीति की जा रही है , जिसके चलते पिछले दो वर्षों से जिला सिरमौर के गिरिपार की जनता को एसटी का लाभ नहीं मिल रहा है। उन्होंने कहा कि वह कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं और गिरिपार को हाटी जनजाति का दर्जा मिलने के लिए सवर्ण समाज का पूरा समर्थन करते हैं। उन्होंने बताया कि क्षेत्र के मंत्री द्वारा न केवल हाटी के मुद्दे पर राजनीति की गई है , बल्कि उन्होंने दलितों के साथ भी खिलवाड़ किया है।
गौर हो कि केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2022 में जिला सिरमौर के गिरिपार की जनता को अनुसूचित जनजाति का दर्जा दिया था। गत वर्ष केंद्र सरकार द्वारा इसकी अधिसूचना भी जारी कर दी गई थी , लेकिन अभी गिरिपार के लोगों के अनुसूचित जनजाति के प्रमाण पत्र बनने आरंभ भी नहीं हुए थे कि हिमाचल प्रदेश सरकार ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र से क्लेरिफिकेशन मांगना शुरू कर दिया। मगर बताते हैं कि इस मुद्दे में भी सबसे बड़ा अड़ंगा उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान द्वारा ही अड़ाया गया है।