लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने किया सैनिक स्कूल का दौरा

भारतीय थल सेना की पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम ने मंगलवार को सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा का दौरा किया

Dec 17, 2025 - 15:18
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लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने किया सैनिक स्कूल का दौरा

यंगवार्ता न्यूज़ - हमीरपुर    17-12-2025

भारतीय थल सेना की पश्चिमी कमान के जनरल ऑफिसर कमांडिंग-इन-चीफ लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, पीवीएसएम, यूवाईएसएम, एवीएसएम ने मंगलवार को सैनिक स्कूल सुजानपुर टीहरा का दौरा किया। नौंवीं कोर के जनरल ऑफिसर कमांडिंग लेफ्टिनेंट जनरल राजन शरावत और नौंवीं कोर मुख्यालय के चीफ ऑफ स्टाफ मेजर जनरल अनिल चंदेल भी उपस्थित रहे।
 
भारतीय थल सेना के एक अत्यंत सम्मानित एवं अलंकृत अधिकारी लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार स्वयं सैनिक स्कूल घोड़ाखाल (उत्तराखंड) के विद्यार्थी रहे हैं और राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खड़गवासला तथा भारतीय सैन्य अकादमी, देहरादून से प्रशिक्षण प्राप्त हैं। जून 1986 में राजपूत रेजिमेंट की 23वीं बटालियन में कमीशन प्राप्त करने के बाद उन्होंने सियाचिन ग्लेशियर, नियंत्रण रेखा (एलओसी) तथा वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) सहित प्रमुख क्षेत्रों में विशिष्ट सेवाएं प्रदान की हैं।
 
उन्होंने सैनिक स्कूल के परिसर का निरीक्षण किया तथा कैडेट्स से संवाद भी किया। कैडेट्स को संबोधित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने कठोर परिश्रम, अनुशासन और अटूट समर्पण के महत्व पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सशस्त्र बलों में शामिल होने और  देश की सेवा करने के लिए ये मूल्य सबसे महत्वपूर्ण हैं। 

अपने दीर्घ एवं गौरवशाली सैन्य कॅरियर के अनुभवों से कैडेट्स को प्रेरित करते हुए लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार ने कैडेट्स को अपने लक्ष्यों के प्रति एकाग्र और प्रतिबद्ध रहने की सीख दी। इससे पहले, सैनिक स्कूल की प्रधानाचार्य ग्रुप कैप्टन रचना जोशी ने विद्यालय में आगमन पर लेफ्टिनेंट जनरल मनोज कुमार कटियार, लेफ्टिनेंट जनरल राजन शरावत और मेजर जनरल अनिल चंदेल का स्वागत किया। 

संस्थान की शैक्षणिक, प्रशासनिक एवं प्रशिक्षण गतिविधियों से अवगत करवाया। उन्होंने कहा कि भारतीय थल सेना के अत्यंत सम्मानित एवं अलंकृत अधिकारियों का यह दौरा कैडेट्स के लिए बहुत ही प्रेरणादायक एवं स्मरणीय सिद्ध हुआ है। इससे सशस्त्र बलों के भावी नेतृत्व को तैयार करने के विद्यालय के मिशन को और बल मिला है।

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