लोग बहुत जल्द चखेंगे चट्टानी नमक का स्वाद,समंदर के पानी से तैयार होने वाले साधारण नमक का होगा विकल्प
हिमाचल प्रदेश समेत पड़ोसी राज्यों के लोग बहुत जल्द चट्टानी नमक का स्वाद चखेंगे। लोगों के सामने अब कचरे से भरे समंदर के पानी से तैयार होने वाले साधारण नमक का विकल्प होगा। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के मैगल में नमक तैयार करने की रिफाइनरी लगाई जाएगी....

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 26-08-2025
हिमाचल प्रदेश समेत पड़ोसी राज्यों के लोग बहुत जल्द चट्टानी नमक का स्वाद चखेंगे। लोगों के सामने अब कचरे से भरे समंदर के पानी से तैयार होने वाले साधारण नमक का विकल्प होगा। हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले के मैगल में नमक तैयार करने की रिफाइनरी लगाई जाएगी।
हिंदुस्तान साल्ट लिमिटेड ने इंडियन ब्यूरो ऑफ माइन को रिफाइनरी का प्लान मंजूरी के लिए भेज दिया है। साठ से नब्बे दिनों के अंदर प्लान को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। इसके बाद यहां पर पहाड़ों के चट्टानी नमक को बनाने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। देश में केवल मात्र मंडी जिले के ट्रंग, मैगल और गुम्मा की पहाड़ियों में ही यह संपदा उपलब्ध है।
इन पहाड़ियों में करीब 116 मिलियन टन नमक का भंडार मौजूद है। नमक को रिफाइनरी में खाने योग्य बनाया जाएगा। यह नमक पूरी तरह प्राकृतिक और शुद्ध होगा। ट्रंग और गुम्मा की नमक खदान में 1963 में पारंपरिक रूप से चट्टानी नमक का उत्पादन शुरू हुआ था।
साल 2011 में वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से गैर वन स्वीकृति व रायल्टी जमा न करवाने से यहां उत्पादन बंद हो गया था। इसके बाद साल 2016 में तत्कालीन सांसद दिवंगत राम स्वरूप शर्मा ने तीन करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता प्रदान कर खदान का दोबारा शुभारंभ करवाया था।
नमक निकालने के लिए करीब 35 मीटर लंबी टनल भी बनाई गई थी लेकिन इसके बाद खाने योग्य नमक का उत्पादन शुरू नहीं हो पाया। मैगल में तैयार होने वाले चट्टानी नमक को हर रोज खाने में उपयोग कर इस्तेमाल किया जाएगा।
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