सरकार को जनता के दुख दर्द सुनने में कोई रुचि नहीं , भाजपा विधायकों के क्षेत्रों से हो रहा भेदभाव : जयराम ठाकुर

पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में चल रही कांग्रेस सरकार अपने ही चलाए कार्यक्रम भूल रही है जिससे न जनता की सुनवाई हो रही है और न अधिकारी गांव तक पहुंच पा रहे हैं। आज भी जनता भाजपा सरकार में सबसे लोकप्रिय जनमंच कार्यक्रम को याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शायद भूल गए हैं कि उनकी सरकार ने कोई कार्यक्रम भी जनता से मिलने का बनाया है

Oct 29, 2025 - 18:17
Oct 29, 2025 - 18:21
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सरकार को जनता के दुख दर्द सुनने में कोई रुचि नहीं , भाजपा विधायकों के क्षेत्रों से हो रहा भेदभाव : जयराम ठाकुर
यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी  29-10-2025
पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा है कि प्रदेश में चल रही कांग्रेस सरकार अपने ही चलाए कार्यक्रम भूल रही है जिससे न जनता की सुनवाई हो रही है और न अधिकारी गांव तक पहुंच पा रहे हैं। आज भी जनता भाजपा सरकार में सबसे लोकप्रिय जनमंच कार्यक्रम को याद कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू शायद भूल गए हैं कि उनकी सरकार ने कोई कार्यक्रम भी जनता से मिलने का बनाया है। जब उनका मन करता है तो तब वे पिकनिक मनाने मित्रों के साथ चल देते हैं और रात को डेरा डालकर सुबह भूल जाते हैं कि वहां आखिर क्या करने आए थे। उन्होंने कहा कि इस सरकार को जनता के दुख दर्द सुनने में कोई रुचि नहीं है। सरकारी अधिकारी अपने दफ्तरों से बाहर निकलते ही नहीं हैं और लोग दफ्तर जाएं भी तो कोई सुनवाई होती ही नहीं है। ऐसे में लोग आखिर जाएं तो जाएं कहां ये एक बड़ा सवाल है। उन्होंने कहा कि हमने जनता की समस्या घर द्वार सुनने के लिए जनमंच शुरू किया था लेकिन यही कांग्रेस नेता तब इसका मजाक उड़ाते थे। 
आज जनता स्वयं कह रही है कि कोई तो मंच होता था जहां खुले में सबके सामने हमें अपनी बात रखने का पूरा मौका मिलता था , लेकिन आज हमारी बात सुनने के लिए कोई नहीं आता। उन्होंने कहा कि जनता का सरकार के प्रति ये अविश्वास बढ़ता ही जा रहा है। चुनी हुई सरकार और उसके प्रतिनिधियों की ये जिम्मेवारी बनती है कि वे हर जगह जन समस्या सुनने के लिए जाएं लेकिन दुर्भाग्य से इस सरकार की ये प्राथमिकता ही नहीं है। अब  सरकार जानबूझकर अपने भी शुरू किए कार्यक्रम सरकार गांव के द्वार फ़िर से शुरू ही नहीं कर पा रही है क्योंकि सरकार जनता का सामना करने से ही बच रही है। जयराम ठाकुर ने कहा कि झूठ बोलने में माहिर मुख्यमंत्री ने तो आपदा से त्रस्त प्रदेशवासियों के सवालों का सामना कर सकते हैं और न ही उनकी शिकायतों का समाधान। इसीलिए 4 महीने से ज्यादा का समय बीत जाने के बाद भी सरकार द्वारा दिखावे के लिए किया जा रहा 'कार्यक्रम' बंद है। हर बार के कार्यक्रम में सरकार की नाकामी सामने आई और उसकी भद्द पिटी। अब तो आपदा के बाद से हालात और भी खराब है। 
लोग बेसब्री से सरकार का इंतजार कर रहे हैं। जनता कांग्रेस सरकार के झूठे दावों और घोषणाओं का हिसाब लेने के लिए बेताब हैं। इसलिए सरकार लोगों से दूर भाग रही है। उन्होंने आरोप लगाया कि आज जहां जहां भाजपा के विधायक जीते हैं वहां विकास को पूरी तरह ग्रहण लगा हुआ है। अधिकारियों को खास निर्देश दिए गए हैं कि इनके इलाकों में बिना उनसे पूछे कुछ करना ही नहीं है। चुनाव में अपने अधिकृत प्रत्याशियों के बजाय इन इलाकों में अपने मित्रों को आगे कर अधिकारियों पर रौब झाड़ने की खुली छूट दी है जो स्वस्थ लोकतांत्रिक व्यवस्था में सही बात नहीं है। आज सुक्खू जी के मित्रों को लूट की खुली छूट मिली हुई है। अधिकारियों पर मुख्यमंत्री कार्यालय से दबाव बनाकर गलत काम करवाए जा रहे हैं। यही कारण है कि आज ठेकेदारों का आक्रोश प्रदेश के हर कोने से सामने आ रहा है। जो इनके चहेते ठेकेदार हैं और मित्रों के नजदीकी हैं उन्हें ही त्योहारी सीजन में कुछ भुगतान हुआ है जबकि बाकी ठेकेदारों को प्रताड़ित किया जा रहा है। 
करोड़ों रुपए की देनदारी इन तीन वर्षों में ठेकेदारों की हो गई है जो बढ़ती ही जा रही है। ऐसे में अगर आप उनका भुगतान नहीं करते हैं तो विकास के काम कहां से आगे बढ़ेंगे। उन्होंने कहा कि मंडी के बाद कांगड़ा में भी बड़े स्तर पर ठेकेदारों के साथ भेदभाव और काम के बदले भुगतान न होने की बातें सामने आ रही है। यही  हाल बाकी इलाकों का भी है। आपदा प्रभावित इलाकों में भी इनके चहेते ठेकेदारों ने चांदी कूटने का काम किया है। नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने सराज विधानसभा क्षेत्र की ग्राम पंचायत देवधार के थाची गांव से संबंध रखने वाले भारतीय सेना के वीर जवान शहीद ढमेश्वर दत्त के घर जाकर उनके परिजनों से मिलकर गहरी संवेदनाएँ व्यक्त कीं। उन्होंने कहा कि ईश्वर दिवंगत आत्मा को शांति प्रदान करें और परिवारजनों को इस असहनीय दुख को सहन करने की शक्ति दें ऐसी वे कामना करते हैं।

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