यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी 23-12-2024
जिला प्रशासन मंडी द्वारा सुशासन सप्ताह के तहत सोमवार को जिला स्तरीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें सभी विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे, जबकि जिला के सभी एसडीएम वर्चुअल माध्यम से जुड़े। कार्यशाला के समापन अवसर पर उपायुक्त मंडी अपूर्व देवगन ने अपने संबोधन में कहा कि सुशासन का मतलब नवाचार है। हम लोगों की शिकायतों का जमीनी स्तर पर निपटारा करें। शिकायत चाहे मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नम्बर 1100 पर हो, चाहे ई-समाधान पोर्टल पर हो, ई-मेल के माध्यम से हो अथवा सादे कागज पर लिखित हो, उनका समयबद्ध निपटारा हो, वही सुशासन हैै। हम लोगों को बेहतर सेवाएं निर्बाध उपलब्ध करवाते रहें तथा उन्हें किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े।
उन्होंने बताया कि सुशासन सप्ताह के दौरान जिला प्रशासन के पास 5934 शिकायतें प्राप्त हुई थी, जिनमें से शनिवार शाम तक 4929 का समाधान कर लिया गया है जबकि सुशासन सप्ताह की समाप्ति तक शेष समस्याओं का समाधान कर लिया जायेगा। उन्होंने बताया कि हमें लोगों की समस्याओं का समाधान त्वरित करना होगा तथा इसे शून्य पर लाना होगा, इसके लिए सभी कार्यालयाध्यक्ष व्यक्तिगत स्तर पर कार्य करें। उन्होंने कहा कि जो विभाग अच्छा कार्य कर रहें है, उन्हें राष्ट्रीय स्तर पर भी अवार्ड मिल रहे हैं, इसके लिए सभी विभागों को आगे आने की आवश्यकता है। उन्होंने बताया कि सुशासन सप्ताह के तहत ‘सरकार गांव की ओर’ कार्यक्रम में जिला में अच्छा कार्य हुआ है, जिसके लिए सभी विभाग बधाई के पात्र हैं। अतिरिक्त उपायुक्त रोहित राठौर ने कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने सभी अधिकारियों के साथ कैसा हो मंडी का स्वरूप, विजन डाक्यूमेंट-2047 पर विस्तृत चर्चा की।
कार्यशाला में 2047 तक स्वास्थ्य, शिक्षा, प्लास्टिक फ्री, पर्यटन, जल शक्ति, विद्युत, सड़क निर्माण, सामाजिक कल्याण, ग्रामीण विकास, सोलर एनर्जी आदि पर चर्चा करके एक विजन डॉक्यूमेंट तैयार किया गया ताकि उसी के अनुसार सरकार की नीतियों एवं कार्यक्रमों का क्रियान्वयन किया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार के दिशानिर्देशानुसार लोगों की शिकायतों का समयबद्ध समाधान किया जा रहा हैं, जिसके लिए सभी अधिकारी व्यक्तिगत स्तर पर कार्य कर रहे हैं। लोगों की शिकायतों के समाधान के लिए नये वर्ष से मासिक समीक्षा बैठक भी की जायेगी। बैठक में कैसा हो मंडी का स्वरूप, विजन डाक्यूमेंट-2047 पर सभी एसडीएम, अधीक्षण अभियंता, जल शक्ति विभाग, ग्रामीण विकास, स्वास्थ्य, शिक्षा, महिला विकास, पंचायती राज, पुलिस, पर्यटन सहित सभी विभागों के अधिकारियों ने आवश्यक सुझाव दिए।