न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 10-11-2025
सरकारी दफ्तरों में अक्टूबर में चले एक महीने के स्वच्छता अभियान से सरकार को कबाड़ बेचकर 800 करोड़ रुपये से ज्यादा की कमाई हुई है। ये रकम इतनी है कि इससे सात वंदे भारत ट्रेन खरीदी जा सकती है। इस अभियान से करीब 233 लाख वर्ग फुट जगह भी खाली हुई है। पिछले पांच सालों में ऐसे अभियानों से सरकार ने कबाड़ बेचकर कुल 4,100 करोड़ रुपये कमाए हैं। यह रकम एक बड़े स्पेस मिशन या कई चंद्रयान मिशनों के कुल बजट के बराबर है। केंद्रीय कार्मिक मंत्री जितेंद्र सिंह ने बताया कि इन सफाई अभियान के दौरान सरकारी संस्थाओं और उनकी सहायक कंपनियों ने 923 लाख वर्ग फुट जगह खाली कराई है।
उन्होंने एक्स पर पोस्ट में कहा कि पिछले पांच विशेष अभियानों में खाली हुई कुल जगह इतनी है कि उस पर एक बड़ा मॉल या कोई और बड़ा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट शुरू किया जा सकता है। सरकार ने 2021 में तय किया था कि हर साल 2 अक्टूबर से 31 अक्टूबर तक एक विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाएगा। प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग इस अभियान का तालमेल करता है। इसमें 84 केंद्रीय मंत्रालय और विभाग मिलकर काम करते हैं। इस बार के अभियान की सफलता के लिए केंद्रीय मंत्रियों ने अधिकारियों से बात की। कर्मचारियों के साथ बातचीत की गई और लंबित कामों को कम करने के लिए समीक्षा बैठक कीं। इसी तरह, सचिवों और महानिदेशकों के लिए भी काम तय किए गए थे।
उन्हें हर हफ्ते अभियान की समीक्षा करनी थी और लंबित मामलों को कम करना था। केंद्रीय लोक निर्माण विभाग को सरकारी दफ्तरों के बाहर की जगहों की सफाई के लिए कर्मचारियों को जुटाना था। अधिकारियों ने बताया कि हर मंत्रालय और विभाग को साफ-सफाई का ध्यान रखना होता है। लेकिन इस एक महीने के खास अभियान के दौरान कागजी फाइलों की संख्या कम करने और लंबित मामलों को निपटाने को प्राथमिकता दी जाती है। साथ ही, कबाड़ को कमाई में बदलने पर भी खास जोर दिया जाता है।