एकल नारियों के बच्चों के लिए कारगर सिद्ध हो रही इंदिरा गांधी सुख शिक्षा योजना , अकेले भोरंज में 296 को मिला लाभ
महिला एवं बाल विकास विभाग की विभिन्न योजनाओं की उपमंडल स्तरीय समितियों की संयुक्त समीक्षा बैठक शनिवार को एसडीएम शशिपाल शर्मा की अध्यक्षता में आयोजित की गई, जिसमें उक्त योजनाओं की प्रगति की समीक्षा की गई। इस अवसर पर एसडीएम ने बताया कि विधवा, परित्यक्ता और अन्य एकल नारियों के बच्चों के पालन-पोषण एवं शिक्षा के लिए प्रदेश सरकार द्वारा आरंभ की गई

शशिपाल शर्मा ने कहा कि बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना के तहत कई गतिविधियां आयोजित की जा रही हैं। इनमें लैंगिक समानता एवं व्यवहार में परिवर्तन पर कार्यशालाएं, जागरुकता शिविर, किशोरियों के स्वास्थ्य की जांच और प्रत्येक पंचायत में सराहनीय उपलब्धियां हासिल करने वाली 3-3 चैंपियन बेटियों को पुरस्कृत करना शामिल हैं। पोषण अभियान की समीक्षा करते हुए एसडीएम ने कहा कि भोरंज ब्लॉक में 234 आंगनवाड़ी केंद्रों के माध्यम से 6 माह से 6 वर्ष तक की आयु के 2528 बच्चों तथा 725 गर्भवती एवं धात्री महिलाओं को पोषाहार दिया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इस वित्त वर्ष में अभी तक मुख्यमंत्री कन्यादान योजना, मुख्यमंत्री शगुन योजना और विधवा पुनर्विवाह योजना के तहत कुल लगभग 4 लाख रुपये वितरित किए गए हैं।
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