ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों ने सशस्त्र बलों को दिया पूर्ण समर्थन : रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने सेनाओं का पूरा साथ दिया जिससे यह साबित होता है कि देश का हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक और समर्पित

Aug 26, 2025 - 10:56
Aug 26, 2025 - 11:05
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ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों ने सशस्त्र बलों को दिया पूर्ण समर्थन : रक्षा मंत्री

राष्ट्र की सुरक्षा केवल सरकार या सेना की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी 

न्यूज़ एजेंसी - जोधपुर    26-08-2025

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों में रहने वाले लोगों ने सेनाओं का पूरा साथ दिया जिससे यह साबित होता है कि देश का हर नागरिक अपनी जिम्मेदारी के प्रति जागरूक और समर्पित है। रक्षा मंत्री ने रक्षा एवं खेल अकादमी के उद्घाटन के अवसर पर कहा कि संकट के समय यदि नागरिक विशेष रूप से युवा अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक रहे तो देश इस तरह की स्थिति का मजबूती से सामना करा सकता है।

उन्होंने कहा ,“ऑपरेशन सिंदूर के दौरान सीमावर्ती क्षेत्रों के लोगों ने सशस्त्र बलों को पूर्ण समर्थन दिया, जो इस बात का प्रमाण है कि राष्ट्र की सुरक्षा केवल सरकार या सेना की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारी है।” उन्होंने जोर देकर कहा कि यदि नागरिक विशेषकर युवा, अपने कर्तव्यों के प्रति जागरूक और समर्पित रहें, तो देश किसी भी कठिनाई का सामना कर सकता है और मजबूत बन सकता है। 
 
रक्षा मंत्री ने ऑपरेशन सिंदूर के दौरान युवाओं के उत्साह और दृढ़ संकल्प की सराहना की। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सशस्त्र बलों ने पहलगाम में कायरतापूर्ण आतंकवादी हमले का करारा जवाब दिया और निर्धारित लक्ष्यों को सटीकता के साथ हासिल किया। उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत जाति और धर्म के आधार पर भेदभाव नहीं करता। 

उन्होंने कहा कि पहलगाम में आतंकवादियों ने निर्दोष लोगों की धर्म के आधार पर उनकी हत्या की, वहीं भारतीय सशस्त्र बलों ने आतंकवादियों को शरण देने वालों का उनके कर्मों के आधार पर खात्मा किया। उन्होंने इस ऑपरेशन को नए भारत की पहचान बताया।

राजनाथ सिंह ने रक्षा एवं खेल अकादमी जैसी पहलों के महत्व का उल्लेख करते हुए कहा कि सुरक्षित और मजबूत राष्ट्र के निर्माण के लिए रक्षा, शिक्षा और खेल का समन्वय अत्यंत आवश्यक है। उन्होंने कहा, “ शिक्षा ज्ञान प्रदान करती है जबकि रक्षा से सुरक्षा सुनिश्चित होती है। दृढ़ता, अनुशासन, धैर्य और दृढ़ संकल्प जैसे गुण एक सैनिक के लिए उतने ही महत्वपूर्ण हैं जितने एक खिलाड़ी के लिए। 

रक्षा, शिक्षा और खेल के इस संगम से निकले छात्र राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर देश का नाम रोशन कर सकते हैं।” उन्होंने नागरिकों से एक ऐसे राष्ट्र के निर्माण का आह्वान किया जो ज्ञान, संस्कृति और शक्ति के मामले में दुनिया में अग्रणी हो।

रक्षा मंत्री ने देश की रक्षा में राजस्थान के सैनिकों के महत्वपूर्ण योगदान की चर्चा करते हुए इस बात पर भी जोर दिया कि इस क्षेत्र में जवानों के अनुपात में अधिकारी नहीं बन रहे हैं। उन्होंने लोगों से सशस्त्र बलों में अधिकारी के रूप में शामिल होने और राष्ट्रीय सुरक्षा को और मजबूत करने में योगदान देने का आग्रह किया। केंद्रीय संस्कृति एवं पर्यटन मंत्री गजेन्द्र सिंह शेखावत ने समारोह की अध्यक्षता की। इस अवसर पर अनेक गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित थे।

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