हिमाचल को बनाएंगे आयुर्वेदिक वेलनेस टूरिज्म का केंद्र , राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर बोले , मंत्री गोमा 

राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस के मौके पर शिमला में आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेद मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें आयुष मंत्री यादविंदर सिंह गोमा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में देशभर से कई विशेषज्ञ, प्रगतिशील किसान और उद्यमी शामिल हुए जिन्होंने विभिन्न सत्रों में आयुर्वेद, पंचकर्म, औषधीय पौधों के संरक्षण व उनकी व्यावसायिक संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया

Sep 23, 2025 - 20:08
Sep 23, 2025 - 20:21
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हिमाचल को बनाएंगे आयुर्वेदिक वेलनेस टूरिज्म का केंद्र , राष्ट्रीय आयुर्वेद दिवस पर बोले , मंत्री गोमा 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  23-09-2025

राष्ट्रीय आयुर्वेदिक दिवस के मौके पर शिमला में आयुष विभाग द्वारा आयुर्वेद मंथन कार्यक्रम का आयोजन किया गया जिसमें आयुष मंत्री यादविंदर सिंह गोमा ने मुख्य अतिथि के रूप में शिरकत की। कार्यक्रम में देशभर से कई विशेषज्ञ, प्रगतिशील किसान और उद्यमी शामिल हुए जिन्होंने विभिन्न सत्रों में आयुर्वेद, पंचकर्म, औषधीय पौधों के संरक्षण व उनकी व्यावसायिक संभावनाओं पर विचार-विमर्श किया। 
इस मौके पर आयुष मंत्री यादविंदर गोमा ने कहा कि हिमाचल प्रदेश आयुर्वेद के क्षेत्र में अपनी अलग पहचान बना रहा है और सरकार इसे राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्थापित करने के लिए ठोस कदम उठा रही है। प्रदेश में औषधीय पौधों की प्रचुरता है और इन्हें ब्रांडिंग व पैकेजिंग के माध्यम से राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय बाजारों तक पहुंचाने की योजना है। इसके लिए राज्य सरकार ने निर्णय लिया है कि प्रदेश की फार्मेसी इकाइयों को सोसायटी मोड में लाया जाएगा। 
इससे उत्पादों की गुणवत्ता, विपणन और ट्रेडिंग में पारदर्शिता आएगी।पर्यटन विभाग के सहयोग से प्रदेश के चुनिंदा पर्यटन स्थलों और होटलों में भी पंचकर्म सुविधाएं उपलब्ध कराने की योजना है, ताकि हिमाचल को आयुर्वेदिक वेलनेस टूरिज्म का केंद्र बनाया जा सके। इस मौके पर आयुष मंत्री ने आयुष संकलन पोर्टल लॉन्च किया गया, जिसके माध्यम से प्रदेशभर के आयुर्वेदिक अस्पतालों , डिस्पेंसरियां और दवाओं की डिजिटल मॉनिटरिंग होगी। 
इससे ओपीडी, इनडोर, दवाओं की उपलब्धता और डॉक्टर्स की अटेंडेंस जैसी सभी जानकारियां एक ही प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध होंगी।कुछ जड़ी-बूटियों को कमर्शियल कैटेगरी में रखकर उनका उपयोग राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर किया जाएगा। वहीं भांग की खेती को औषधीय दृष्टि से वैध करने के प्रश्न पर उन्होंने कहा कि इस पर सरकार संवेदनशील है और फिलहाल इस विषय पर विमर्श चल रहा है।

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