हिमाचल में चल रहे पावर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट जांचेगी वर्ल्ड बैंक की टीम , दोबारा होगी सभी परियोजनाओं की समीक्षा

हिमाचल प्रदेश में वर्ल्ड बैंक की सहायता से चल रहे पावर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा को एक बार फिर से वर्ल्ड बैंक की टीम आएगी। अभी इनका आने का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, मगर बताया जा रहा है कि जुलाई महीने में यह टीम एक बार फिर यहां आकर समीक्षा करेगी। वर्ल्ड बैंक ने यहां के अधिकारियों को कुछ नए टास्क दिए थे, जिनको लेकर समीक्षा होगी। पिछली बार जब वर्ल्ड बैंक की टीम यहां आई थी, तो उसने प्रोजेक्ट के कामकाज पर संतोष जाहिर किया था,

Jun 16, 2025 - 15:42
Jun 16, 2025 - 15:57
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हिमाचल में चल रहे पावर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट जांचेगी वर्ल्ड बैंक की टीम , दोबारा होगी सभी परियोजनाओं की समीक्षा
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  16-06-2025

हिमाचल प्रदेश में वर्ल्ड बैंक की सहायता से चल रहे पावर डेवलपमेंट प्रोजेक्ट की समीक्षा को एक बार फिर से वर्ल्ड बैंक की टीम आएगी। अभी इनका आने का कार्यक्रम तय नहीं हुआ है, मगर बताया जा रहा है कि जुलाई महीने में यह टीम एक बार फिर यहां आकर समीक्षा करेगी। वर्ल्ड बैंक ने यहां के अधिकारियों को कुछ नए टास्क दिए थे, जिनको लेकर समीक्षा होगी। पिछली बार जब वर्ल्ड बैंक की टीम यहां आई थी, तो उसने प्रोजेक्ट के कामकाज पर संतोष जाहिर किया था, जिसके साथ कुछ कमियों को दूर करने को कहा गया था। यहां दो हजार करोड़ रुपए के इस प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है। पावर सेक्टर में रिफॉर्म लाने के लिए वर्ल्ड बैंक ने हिमाचल को पैसा दिया है। 
हालांकि कुछ काम अभी तक नहीं हो पाने पर विश्व बैंक की टीम ने नाराजगी भी जताई है और कहा है कि उसे समय पर पूरा किया जाए , जिसकी समीक्षा अगले दौरे के दौरान होगी। फिलहाल राहत की बात यह है कि प्रोजेक्ट के तहत जो काम चल रहे हैं, उनके लिए यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट देने के साथ ही पैसा भी रिलीज करने की बात कही थी , जिस पर यहां से यूसी भेजने का काम शुरू हो गया है। हिमाचल प्रदेश में ऊर्जा क्षेत्र के अलग-अलग काम चल रहे हैं। विश्व बैंक के प्रोजेक्ट के तहत यहां ऊर्जा निदेशालय, बिजली बोर्ड , ट्रांसमिशन कारपोरेशन और पावर कारपोरेशन को अलग-अलग कार्यों के लिए पैसा दिया जा रहा है। 
अभी तक सरकार बिजली को बेचने व खरीदने के लिए सिंगल ट्रेडिंग डेस्क स्थापित नहीं कर पाई है, जिसे लेकर विश्व बैंक ने नाराजगी जताई थी, मगर इस पर सरकार ने एक नए आदेश जारी किए हैं, परंतु अभी उस पर सही तरह से अमल नहीं हो पाया है। इसमें तकनीकी खामियां हैं, जिनको सरकार दूर करने में जुटी है। एसएलडीसी में स्काडा इम्प्रूवमेंट पर चल रहे कार्यों को विश्व बैंक ने सराहा और इंटीग्रेटिड रिसोर्स प्लान को लेकर भी कागजी कार्रवाई को देखा गया। 
हाइड्रो पावर सेक्टर में किस तरह से रिफॉर्म किए जा रहे हैं, इनको लेकर भी जानकारी ली गई। ट्रांसमिशन लाइनों को लेकर भी विश्व बैंक के अधिकारियों ने जानकारी ली है। यहां पर कहां-कहां ट्रांसमिशन का काम चल रहा है इसके बारे में पूछा गया। इसमें सबसे बड़ा प्रोजेक्ट बिजली बोर्ड का है जिसमें 13 शहरों में बिजली अपग्रेडेशन का काम किया जा रहा है। 13 शहरों में अब तक किए गए कार्यों की भी आने वाले दिनों में समीक्षा की जाएगी।

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