यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 05-08-2025
स्क्रब टाईफस बुखार कोई हौव्वा नहीं है। इससे किसी को भी घबराने की जरूरत नहीं है। ये बरसात के मौसम में फैलने वाली एक बीमारी है जिसका इलाज बहुत आसान है। समय पर डॉक्टरी सलाह से आसानी से इसका इलाज संभव है। जरूरत है तो केवल आवश्यक सावधानी बरतने, सचेत रहने और समय पर ईलाज की। स्क्रब टाईफस बरसात के मौसम में फैलने वाली एक बीमारी है। यह खतरनाक जीवाणु रिकेटशिया से संक्रमित पिस्सू के काटने से फैलता है, जो खेतों, झाड़ियों व घास में रहने वाले चूहों से पनपता है। यह जीवाणु चमड़ी के जरिए शरीर में प्रवेश करता है और स्क्रब टाईफस बुखार पैदा करता है।
यह एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैलता। मुख्य चिकित्सा अधिकारी ऊना डॉ. एस के वर्मा स्क्रब टाईफस के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताते हैं कि जोड़ों में भयंकर दर्द और कंपकपी के साथ किसी व्यक्ति को 104 से 105 डिग्री का तेज बुखार होने और शरीर में अकड़न का थकावट महसूस होने पर तुरंत डॉक्टरी जांच करवा लेनी चाहिए। ज्यादा संक्रमण में गर्दन, बाजुओं के नीचे, कूल्हों के ऊपर गिल्टियां होने जैसे लक्षण भी स्क्रब टाईफस के हमले की निशानी हो सकते हैं, ऐसे किसी भी लक्षण में तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र में जांच करवाएं। इसके अलावा भी बुखार कैसा भी हो तुरंत डॉक्टरी सलाह लें। एहतियात बरतते हुए बरसात के दौरान घर और आसपास साफ-सफाई रखें, घास-झाड़ियां न उगने दें।
पानी जमा न होने दें। घर के अन्दर-बाहर और आसपास कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें। शरीर की स्वच्छता का ख्याल रखें। खेतों में काम करते समय अपने शरीर को विशेषकर हाथ-टांगे और पैर ढक कर रखें। जिलाधीश जतिन लाल ने लोगों से बरसात के मौसम में रोगों से बचाव के लिए जरूरी सावधानी बरतने का आग्रह किया है। प्रशासन को लोगों को स्क्रब टाइफस, डेंगू और अन्य जीवाणु तथा वायरस जनित रोगों से बचाव को लेकर शिक्षित करने पर विशेष बल है। उन्होंने लोगों से स्वास्थ्य और स्वच्छता को लेकर जागरूकता के जन अभियान को सफल बनाने में सक्रिय सहयोग की अपील की है।