हिमाचल देश का पहला राज्य जिसने 6,000 अनाथ बच्चों को सरकारी संरक्षण दिया : कुलदीप सिंह पठानिया
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने स्वतंत्रता दिवस पर ऊना में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की

बोले..विकास की रफ्तार के साथ चुनौतियों से सतर्क रहने की जरूरत
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 15-08-2025
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने स्वतंत्रता दिवस पर ऊना में आयोजित जिला स्तरीय समारोह में बतौर मुख्य अतिथि शिरकत की। उन्होंने राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक छात्र पाठशाला ऊना के प्रांगण में राष्ट्रीय ध्वज फहराया और मार्च पास्ट की सलामी लेने के उपरांत जिला वासियों को संबोधित किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने अपने संबोधन में ऊना जिलावासियों को स्वतंत्रता दिवस की बधाई दी और देश की आजादी के लिए संघर्ष करने वाले सभी स्वतंत्रता सेनानियों की पुण्य स्मृतियों को नमन किया। उन्होंने देश की स्वतंत्रता की हिफाजत के लिए बलिदान देने वाले वीर सैनिकों को भी स्मरण किया। उन्होंने कहा कि आजादी के प्रारंभिक वर्षों में देश में विकास की स्थिति अत्यंत सीमित थी।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद देश में अधिकांश वस्तुएं बाहर से मंगाई जाती थीं, और देश की अर्थव्यवस्था तथा बुनियादी ढांचे की हालत कमजोर थी। जैसे-जैसे देश में लोकतांत्रिक सरकारों ने बागडोर संभाली, योजनाबद्ध तरीके से विकास की प्रक्रिया आरंभ हुई। औद्योगीकरण, अधोसंरचना विस्तार, शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाओं की सुलभता और रक्षा क्षेत्र में मजबूती जैसे कई क्षेत्रों में देश ने उल्लेखनीय प्रगति की।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सामाजिक सुरक्षा के क्षेत्र में अग्रणी राज्य के रूप में उभरा है। मुख्यमंत्री की संवेदनशीलता के चलते हिमाचल देश का पहला राज्य बना जहां कानून बना कर 6,000 अनाथ बच्चों को सरकारी संरक्षण दिया गया है। जिनका कोई नहीं, उनके लिए सरकार ही माता-पिता की भूमिका निभा रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार 27 वर्ष की आयु तक के निराश्रित बच्चों के माता-पिता की भूमिका में रहकर उनकी पढ़ाई का सारा खर्च उठा रही है और उन्हें आत्मनिर्भर बनाने के बाद मकान बनाने के लिए 3 बिस्वा जमीन उपलब्ध कराने का प्रावधान भी किया गया है। । यह कार्य न केवल समाज के प्रति संवेदनशीलता दर्शाता है, बल्कि एक मॉडल राज्य की दिशा में कदम भी है।
पठानिया ने कहा कि हिमाचल प्रदेश के गठन के समय विकास की स्थिति अत्यंत सीमित थी, लेकिन प्रदेश में सरकार और मेहनतकश लोगों के सहयोग से आज राज्य ने अभूतपूर्व प्रगति कर ली है। आज प्रदेश में शिक्षा, स्वास्थ्य, पेयजल, सड़क और औद्योगिक ढांचे का सुदृढ़ नेटवर्क विकसित हो चुका है। वर्तमान कांग्रेस सरकार इन क्षेत्रों में निरंतर सुधार कर रही है जिससे प्रदेश के नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं बेहतर रूप से उपलब्ध हो रही हैं।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि देश की सीमाओं को शांतिपूर्ण, सुरक्षित और सुदृढ़ बनाए रखने में हिमाचल प्रदेश के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता। विशेष रूप से ऊना जिला सहित प्रदेश के विभिन्न क्षेत्रों के अनेकों वीर जवानों ने देश की रक्षा में अपने प्राणों की आहुति दी है। यह बलिदान हिमाचल के वीरता और राष्ट्र सेवा के जज़्बे का प्रतीक है।
कुलदीप पठानिया ने कहा कि पिछले ढ़ाई वर्षों में प्रदेश के अनेक हिस्सों में भारी बारिश और बाढ़ से बड़े स्तर पर नुकसान हुआ है। ऊना में भी बाढ़ से भारी क्षति हुई है। इस आपदा में अनेक बहुमूल्य जानेें चली गईं। लेकिन प्रदेश सरकार ने अपने सीमित संसाधनों के बावजूद प्रभावितों के लिए मुआवजे में बढ़ोतरी की।
साल 2023 आई भयंकर आपदा में लोगों की मदद के लिए प्रदेश सरकार ने प्रभावितों के आशियानों को पुनः बसाने के लिए 4500 करोड़ रुपये का विशेष आपदा राहत पैकेज जारी करके प्रभावितों की मुआवजा राशि को सात गुना तक बढ़ाया गया। आज भी संकट की घड़ी में प्रदेश सरकार सभी प्रभावितों के साथ मजबूती से खड़ी है और पूरी मदद कर रही है।
सरकार सभी प्रभावितों के पुर्नवास के लिए प्रतिबद्धता से काम कर रही है। इस वर्ष की प्राकृतिक त्रासदी में प्रदेश की सरकारी और गैर-सरकारी संपत्तियों को अब तक लगभग 2,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
पठानिया ने कहा कि जहाँ एक ओर प्रदेश सड़क, स्वास्थ्य, शिक्षा और औद्योगिक क्षेत्रों में तेज़ी से आगे बढ़ रहा है, वहीं दूसरी ओर प्राकृतिक आपदाओं और पर्यावरणीय असंतुलन से उत्पन्न होने वाली चुनौतियों से निपटना भी उतना ही आवश्यक है। उन्होंने ज़ोर देकर कहा कि अब आवश्यकता है कि प्रदेश में विकास नीतियों का निर्माण इस प्रकार हो, जिससे रिहायशी क्षेत्रों, पर्यावरण, और अधोसंरचना को न्यूनतम नुकसान पहुँचे।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि आज हमें महात्मा गांधी, सरदार वल्लभभाई पटेल, नेताजी सुभाष चंद्र बोस जैसी महान विभूतियों से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है, जिन्होंने अपना अधिकांश जीवन जेलों में बिताते हुए राष्ट्र की आज़ादी, एकता और अखंडता के लिए संघर्ष किया।
इस मौके विधानसभा अध्यक्ष ने समाजिक जीवन में उत्कृष्ट उपलब्धि हासिल करने वाले और समाज विकास में योगदान देने वाली प्रेरणादायी हस्तियों तथा विभिन्न विभागों के उत्कृष्ट कार्य करने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों को सम्मानित किया। इनमें समाजिक कार्यकर्ता जीनत महंत, बसोली टेम्पो दुर्घटना में लोगों की मदद कर जान बचाने वाले कर्ण सैणी, स्नेक कैचर पिता-पुत्री जितेंद्र कुमार व कुमारी दामिनी, पर्यावरण संरक्षण, सामाजिक कार्य, नशा निवारण, आपदा में सहयोग व बेसहारा पशुओं की सेवा और उपचार में सहयोग के लिए सामाजिक कार्यकर्ताओं और संस्थाओं को सम्मानित किया गया।
इनमें संदीप कुमार, देवभूमि फाउंडेशन ऊना, अद्वैता फाउंडेशन, राधा माधव सेवा संस्था व एनिमल रेसक्यू सोसाइटी ऊना और सेवानिवृत्त लेक्चरर सतीश शर्मा सम्मान प्राप्त करने वालों में शामिल रहे। वहीं, सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर प्रभावी तरीके से लागू करने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी(आईसीडीएस) नरेंद्र कुमार और सरकार की जनकल्याण की योजनाओं के व्यापक प्रचार प्रसार में लीक से हट कर काम के लिए सूचना जनसंपर्क विभाग के तकनीकी सहायक नरेंद्र कुमार को सम्मानित किया गया।
इसके अलावा उपायुक्त कार्यालय, नगर निगम कार्यालय, पुलिस, स्वास्थ्य, जलशक्ति, होम गार्ड्स, सैनिक कल्याण बोर्ड के उत्कृष्ट कर्मवीरों लेखराज, बलवीर सिंह, नरेश कुमारी, राजिन्द्र सैणी, शिवानी ठाकुर, विजय कुमार, डिम्पल, अभिराणा, बीरवल सहित पुलिस के एएसआई तरलोचन सिंह, हेड कांस्टेबल जोगेशदीप, सोढी राम, सन्नी शर्मा, अमरजोत सिंह, कॉन्स्टेबल राकेश कुमार,राजीव कुमार, अजय कुमार, अमरीक सिंह और होम गार्ड व फायर स्टेशन के अशोक कुमार, सुरेश कुमार, मीना देवी, जयपाल शर्मा, अश्विनी कुमार, अशोक कुमार, मुकेश कुमार, चंद्र मोहन, दक्ष कुमार, अमित कुमार जगदेव चंद, सुरजीत सिंह, टेक सिंह, पूर्ण सिंह, रणजीत सिंह, जनक राज, प्यारा सिंह, हरदयाल सिंह और टिक्का खान को सम्मानित किया गया।
What's Your Reaction?






