पौंग झील किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर कई जगहों पर मृत मिल रहे विदेशी परिंदे
पौंग झील किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर कई जगहों पर विदेशी परिंदे मृत मिल रहे हैं जिससे लोगों में दशहत का माहौल है। दो-तीन वर्ष पहले भी झील में आने वाले प्रवासी परिंदों को वर्ड फ्लू फैलने से कई परिंदों की मौत हो गई थी, जिनको विभाग ने दबा दिया
यंगवार्ता न्यूज़ - जवाली 29-12-2025
पौंग झील किनारे वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर कई जगहों पर विदेशी परिंदे मृत मिल रहे हैं जिससे लोगों में दशहत का माहौल है। दो-तीन वर्ष पहले भी झील में आने वाले प्रवासी परिंदों को वर्ड फ्लू फैलने से कई परिंदों की मौत हो गई थी, जिनको विभाग ने दबा दिया था।
सवाल यह है कि क्या प्रवासी परिंदे वर्ड फ्लू से मर रहे हैं या फिर इनको जहरीली दवाई डालकर मारा जा रहा है। प्रवासी परिंदों की सुरक्षा का जिम्मा संभालने वाला वन्य प्राणी विभाग कुंभकर्णी नींद सोया हुआ है। वन्य प्राणी विभाग की जमीन पर प्रतिबंध के बाद धड़ल्ले से बिजाई हो रही है तथा इसी की आड़ में इन प्रवासी परिंदों का शिकार हो रहा है।
पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि झील किनारे हाल ही में विस्फोटक सामग्री से गायों के जबड़े उड़ जाने से उनकी मौत हो चुकी है तथा अंदेशा है कि इनका प्रयोग प्रवासी परिंदों के शिकार के लिए किया जा रहा है। फसलों में जहरीली दवाई डालकर भी प्रवासी परिंदों को मौत के घाट उतारा जा रहा है।
पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि लोग जंदरियां लगाकर भी प्रवासी परिंदों को मार रहे हैं। पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि झील किनारे खेती भी विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों की मिलीभगत से हो रही है।
पर्यावरण प्रेमियों ने कहा कि झील में करीबन 60 हजार प्रवासी परिंदे पहुंच चुके हैं। उन्होंने वन्य प्राणी विभाग को चेताया है कि अगर झील किनारे हो रही खेती तथा प्रवासी परिंदों का शिकार बंद नहीं हुआ तो विभाग के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया जाएगा।
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