आत्मनिर्भरता से मजबूत हो रही भारतीय सेना, युद्ध की तैयारी के लिए सेना हर तरह से तैयार
भारतीय सेना आयात पर निर्भरता घटाकर और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर अपनी दीर्घकालिक संचालन क्षमता और युद्ध की तैयारी को सशक्त बना रही है जिसके परिणामस्वरूप सेना के हथियारों के जखीरे में 90 प्रतिशत गोला-बारूद स्वदेशी
न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 31-12-2025
भारतीय सेना आयात पर निर्भरता घटाकर और घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देकर अपनी दीर्घकालिक संचालन क्षमता और युद्ध की तैयारी को सशक्त बना रही है जिसके परिणामस्वरूप सेना के हथियारों के जखीरे में 90 प्रतिशत गोला-बारूद स्वदेशी है। रक्षा प्रतिष्ठानों के सूत्रों के अनुसार भारत की सुरक्षा स्थिति समय के साथ बदल रही है।
नई प्रौद्योगिकी, वैश्विक घटनाक्रम और लंबे समय तक चलने वाली चुनौतियों के बीच यह जरूरी हो गया है कि सेना हर परिस्थिति के लिए तैयार रहे। मौजूदा दौर में सैन्य तैयारी केवल आधुनिक हथियारों तक सीमित नहीं है, बल्कि लंबे समय तक अभियानों को संभालने की क्षमता भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।
युद्ध या किसी भी सैन्य अभियान में गोला-बारूद, कलपुर्जे और सैन्य साजो सामान की आपूर्ति रीढ़ की तरह काम करते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए य सेना ने गोला-बारूद के क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को अपनी तैयारी का अहम आधार बनाया है। पहले गोला-बारूद की आपूर्ति काफी हद तक पुराने उत्पादन ढांचे और विदेशी स्रोतों पर निर्भर थी।
वैश्विक स्तर पर आई बाधाओं के दौरान यह निर्भरता एक चुनौती के रूप में सामने आई। हाल के अंतरराष्ट्रीय अनुभवों से स्पष्ट हो गया है कि जिन देशों के पास घरेलू स्तर पर उत्पादन की मजबूत व्यवस्था होती है, वे लंबे समय तक अपनी तैयारी बनाए रख पाते हैं। इसी सोच के तहत भारतीय सेना ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया – मेक फॉर द वर्ल्ड’ के लक्ष्य के अनुरूप आगे बढ़ रही है।
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