हाईकोर्ट ने जल शक्ति विभाग में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं पर अपनाया सख्त रुख,अभियंता को पद से हटाने के आदेश
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जल शक्ति विभाग में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि ई-टेंडरिंग से बचने के लिए काम को टुकड़ों में विभाजित कर ऑफलाइन टेंडर जारी किए जा रहे

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-08-2025
हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने जल शक्ति विभाग में टेंडर प्रक्रिया में अनियमितताओं पर सख्त रुख अपनाया है। अदालत ने जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान पाया कि ई-टेंडरिंग से बचने के लिए काम को टुकड़ों में विभाजित कर ऑफलाइन टेंडर जारी किए जा रहे हैं। इसे देखते हुए अदालत ने जल शक्ति विभाग के ज्वाली डिविजन के कार्यकारी अभियंता अजय शर्मा को तत्काल पद से हटाने और उनकी सेवाएं वापस लेने के आदेश दिए हैं।
अदालत ने राज्य सरकार को निर्देश दिया कि उन्हें किसी भी तरह के वित्तीय मामलों से संबंधित महत्वपूर्ण और टेंडरिंग कार्य नहीं दिए जाएंगे। मामले की अगली सुनवाई 16 सितंबर को होगी। मुख्य न्यायाधीश गुरमीत सिंह संधावालिया और न्यायाधीश रंजन शर्मा के खंडपीठ ने मामले की सुनवाई करते हुए पाया कि टेंडर की सीमा पांच लाख होने के बावजूद विभाग उससे कम के ऑफलाइन टेंडर जारी कर रहा है।
बिना ई-टेंडरिंग के टेंडर आवंटन में मापदंडों की धज्जियां उड़ाई जा रही हैं और प्रकिया का उल्लंघन हो रहा है। हाईकोर्ट ने 4 अगस्त 2025 को जारी किए गए टेंडर अधिसूचना पर रोक लगा दी है। कोर्ट ने निर्देश दिया कि अगली सुनवाई तक कोई भी नया टेंडर ई-टेंडरिंग के बिना जारी नहीं किया जाएगा।
टेंडर जारी करते समय कामों को विभाजित नहीं किया जाएगा बल्कि कम काम को ध्यान में रखा जाएगा। कोर्ट ने जल शक्ति विभाग के ज्वाली डिविजन में कार्यकारी अभियंता के रूप में तैनात रहे अजय शर्मा के खिलाफ लगे आरोपों पर विशेष ध्यान दिया है।
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