यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 19-10-2025
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा चलाई जा रही राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना ने राज्य के युवाओं को आत्मनिर्भरता और सम्मानजनक आजीविका की दिशा में नई राह दिखाई है। यह योजना न केवल बेरोजगार युवाओं को आर्थिक सहायता प्रदान कर रही है , बल्कि उन्हें नई तकनीकों और पर्यावरण के अनुकूल व्यवसायों की ओर भी प्रेरित कर रही है। योजना के अंतर्गत अनेक युवाओं ने ई-टैक्सी सेवाएं शुरू कर रोजगार का नया आयाम स्थापित किया है। यह पहल न केवल युवाओं को स्थायी आजीविका का अवसर दे रही है, बल्कि हरित ऊर्जा और प्रदूषण रहित परिवहन को भी बढ़ावा दे रही है। पर्यावरण संरक्षण और सतत विकास की भावना को ध्यान में रखते हुए हिमाचल प्रदेश में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन तेजी से बढ़ रहा है। इस परिवर्तन में राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना एक सशक्त माध्यम बनकर उभरी है।
योजना के तहत युवाओं को ई-टैक्सी खरीदने पर 50 प्रतिशत सब्सिडी और 40 प्रतिशत बैंक ऋण की सुविधा दी जाती है, जबकि मात्र 10 प्रतिशत राशि लाभार्थी को स्वयं वहन करनी होती है। ई-टैक्सी परमिट प्राप्त करने वाले युवाओं को सरकार द्वारा निश्चित आमदनी की गारंटी भी प्रदान की जा रही है। इन ई-टैक्सी को सरकारी विभागों, स्थानीय निकायों, बोर्डों, निगमों , स्वायत्त संस्थानों तथा सरकारी उपक्रमों से जोड़ा जा रहा है, जिससे लाभार्थियों को नियमित मासिक आय सुनिश्चित हो रही है। योजना के तहत वाहनों को पांच वर्ष की अवधि के लिए सरकारी कार्यालयों से अनुबंधित किया जाता है, जिसे आवश्यकता अनुसार दो वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना युवाओं को स्वरोजगार प्रदान करने के उद्देश्य से शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी पहल है। इस योजना के तहत लाभार्थियों को 50 प्रतिशत सब्सिडी, 40 प्रतिशत बैंक ऋण, तथा मात्र 10 प्रतिशत स्वयं का योगदान देना होता है।
इसके अंतर्गत सरकार ने व्यवस्था की है कि इन ई-टैक्सियों को चार से पांच वर्षों के लिए सरकारी विभागों से जोड़ा जाए, जिससे युवाओं को लगभग 50,000 रुपए प्रतिमाह की आमदनी सुनिश्चित हो सके। इस योजना का नोडल विभाग श्रम एवं रोजगार विभाग, हिमाचल प्रदेश है। चालू वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए, हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा 66.41 करोड़ रुपये का बजट प्रावधान किया गया है। इस वित्तीय वर्ष के लिए, आज तक विभाग द्वारा 40 पात्र उम्मीदवारों को ई-टैक्सियों की खरीद के लिए 2.72 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है जिनमें से 20 ई-टैक्सियों को माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 05 जुलाई 2025 को सचिवालय में हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया। इन 20 पात्र लोगों में जिला बिलासपुर से 7, चंबा से 1, हमीरपुर से 5, कांगड़ा से 3, ऊना से 4 को कुल 1.30 करोड़ रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है। यह उम्मीदवार राज्य भर में विभिन्न सरकारी विभागों/संगठनों को निश्चित मासिक भुगतान पर अधिकतम 5 वर्षों की अवधि के लिए ई-टैक्सी सेवाएं प्रदान कर रहे है, जिसे आगे 2 वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है।
इसी कड़ी में माननीय मुख्यमंत्री द्वारा 15 अक्टूबर 2025 को ओक ओवर से 18 ई-टैक्सियों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया गया है। इन 18 पात्र उम्मीदवारों में चंबा से 2, हमीरपुर से 1, कांगड़ा से 3, कुल्लू से 2, किन्नौर से 3, शिमला से 4, सोलन से 2, सिरमौर से 1 लाभार्थी को 1.28 करोड़ रुपये से अधिक की सब्सिडी प्रदान की गई है। यह उम्मीदवार श्रम, रोजगार और विदेशी प्लेसमेंट विभाग द्वारा उन्हें आवंटित संबंधित सरकारी विभागों / संगठनों को भी अपनी सेवाएं प्रदान करेंगे। आज तक 79 पात्र उम्मीदवारों को कुल 5.64 करोड रुपये की सब्सिडी प्रदान की गई है। केवल जिला शिमला में ही 6 लाभार्थियों को 53 लाख 44 हजार 795 रुपये की सब्सिडी दी गई है। सब्सिडी के लिए ऑनलाइन आवेदन हेतु डिजिटल प्लेटफार्म प्रदान करने के उद्देश्य से श्रम, रोजगार एवं विदेश नियोजन विभाग द्वारा एक समर्पित वेब पोर्टल विकसित किया गया है और इसे अगस्त 2024 में लांच किया गया।
इच्छुक उम्मीदवार योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर ऑनलाइन आवेदन कर सकते हैं। आवेदन के साथ निवास प्रमाण पत्र , आधार कार्ड , आय प्रमाण पत्र , शिक्षा प्रमाण पत्र , वैध ड्राइविंग लाइसेंस और ड्राइविंग अनुभव का प्रमाण पत्र संलग्न करना आवश्यक है। योजना का लाभ वही व्यक्ति ले सकता है जो हिमाचल प्रदेश का स्थायी निवासी हो , जिसकी न्यूनतम आयु 23 वर्ष हो और जिसके पास वैध ड्राइविंग लाइसेंस हो। 10वीं या 12वीं पास उम्मीदवार जिनके पास क्रमशः 10 वर्ष या 7 वर्ष का ड्राइविंग अनुभव है, आवेदन के पात्र हैं। प्रत्येक परिवार से केवल एक व्यक्ति इस योजना का लाभ प्राप्त कर सकता है तथा लाभार्थी को स्वयं ई-टैक्सी चलानी अनिवार्य है। यह योजना हिमाचल प्रदेश सरकार की उस प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जो राज्य के युवाओं को न केवल आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि प्रदेश को हरित, स्वच्छ और सतत विकास की दिशा में अग्रसर कर रही है। राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना के लाभार्थी मनीष कुमार, जो नारकंडा के स्थाई निवासी है ने बताया कि मुझे जब इस योजना का पता लगा फिर मैंने ऑनलाइन माध्यम से आवेदन किया और वर्ष 2024 में उन्होंने 26 लाख की गाड़ी खरीदी थी, जिसमें प्रदेश सरकार द्वारा लगभग 12 लाख रुपए की सब्सिडी प्रदान की गई है।
मनीष कुमार ने हिमाचल प्रदेश सरकार और माननीय मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू का धन्यवाद करते हुए कहा कि प्रदेश सरकार ने हमें गाड़ी के साथ-साथ स्वरोजगार भी प्रदान किया है। उनकी गाड़ी हिमाचल प्रदेश सचिवालय में सामान्य प्रशासन विभाग में लगी है, जहां उन्हें हर महीने 75 हजार रुपए दिए जाते है। ननखड़ी के निवासी अनिल कुमार ने बताया कि राजीव गांधी स्वरोजगार स्टार्टअप योजना से न केवल उनको स्वरोजगार का अवसर मिला है बल्कि सम्मानपूर्वक जीवन यापन करने का मौका भी मिला है। उनका वाहन रामपुर में जल शक्ति विभाग में लगा है। आज वह इस ई-टैक्सी से अच्छी कमाई कर रहे हैं हैं जिससे उनके घर का गुजरा अच्छे से चल रहा है।