यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 29-10-2025
हिमाचल प्रदेश अनोखी शादियों के लिए पिछले कुछ महीनो से सुर्खियों में रहा है। प्रदेश के जिला सिरमौर में जहां जोड़ीदार प्रथा के तहत दो भाइयों ने एक दुल्हन से विवाह रचाया , वही गत दिनों जिला सिरमौर के ही गिरिपार क्षेत्र में दलित समुदाय के युवाओं ने संविधान को साक्षी मानकर विवाह रचाया। अब प्रदेश की राजधानी शिमला के सुन्नी क्षेत्र में बुधवार को एक विवाह समारोह संपन्न हुआ। इस विवाह समारोह में सुरक्षा की कड़ी व्यवस्था की गई थी। शादी समारोह में आलम यह था कि दूल्हा और दुल्हन लेडी बाउंसरों से घिरे हुए थे।
विवाह समारोह में अक्सर जहां दूल्हा-दुल्हन के पास लोगों द्वारा फोटो खिंचवाई जाती है और शगुन दिया जाता है , लेकिन इस शादी समारोह में दूल्हा-दुल्हन के पास किसी को जाने तक नहीं दिया जा रहा था। बताते हैं कि शादी समारोह में पहुंचे मेहमानों ने शगुन के लिफाफे भी दूर से ही दूल्हा-दुल्हन तक पहुंचाए। जानकारी के मुताबिक बुधवार को शिमला जिले के सुन्नी ( घरयाणा ) में एक निरंकारी विवाह समारोह आयोजित किया गया , जिसमें दूल्हा वंश , शजग्गू के पुत्र और दुल्हन सकीना , सुरिंदर बानिया और रूप की बेटी थीं। यह बारात हरियाणा पंचकूला से आई थी। यह अपने आप में पहला अनुभव था , जिसमें दूल्हा और दुल्हन के चारों ओर सुरक्षा व्यवस्था थी।
बताते हैं कि हरियाणा के पंचकूला से यह बारात आई थी जिसमें दूल्हा और दुल्हन चारों ओर से सुरक्षा घेरे में थे। बताते हैं कि दूल्हे ने जो सहारा पहना हुआ था वह सोने और हीरे से जड़ित था। यही नहीं दूल्हे के गले में जो हार डाला हुआ था उसमें भी विदेशी स्वर्ण मुद्राएं जड़ी हुई थी। जिसके चलते इस विवाह समारोह में कड़ी सुरक्षा का इंतजाम किया गया था। किसी भी व्यक्ति को दूल्हा और दुल्हन के करीब जाने की अनुमति नहीं दी गई , क्योंकि दूल्हे ने जो सेहरा और स्वर्ण आभूषण पहने हुए थे उनकी कीमत करोड़ों में आंकी जा रही थी जिसके चलते यह विवाह समारोह काफी सुर्खियों में रहा।