आपदा पर सरकार के काबीना मंत्री का भेदभावपूर्ण बयान मानसिक दिवालियापन का प्रमाण : बलदेव तोमर

भाजपा प्रवक्ता बलदेव तोमर ने बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के हालिया बयान को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, बेशर्म और संवेदनहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश आपदा से कराह रहा हो , उस समय एक मंत्री का यह कहना कि नेता प्रतिपक्ष को केवल अपने क्षेत्र की चिंता है , ना केवल राजनीतिक नालायकी है , बल्कि मानसिक असंतुलन का भी संकेत है

Jul 11, 2025 - 11:16
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आपदा पर सरकार के काबीना मंत्री का भेदभावपूर्ण बयान मानसिक दिवालियापन का प्रमाण : बलदेव तोमर
यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  11-07-2025

भाजपा प्रवक्ता बलदेव तोमर ने बागवानी मंत्री जगत सिंह नेगी के हालिया बयान को अत्यंत दुर्भाग्यपूर्ण, बेशर्म और संवेदनहीन करार दिया है। उन्होंने कहा कि जब प्रदेश आपदा से कराह रहा हो , उस समय एक मंत्री का यह कहना कि नेता प्रतिपक्ष को केवल अपने क्षेत्र की चिंता है , ना केवल राजनीतिक नालायकी है , बल्कि मानसिक असंतुलन का भी संकेत है। बलदेव तोमर ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने हर बार यह सिद्ध किया है कि वे केवल अपने निर्वाचन क्षेत्र नहीं, पूरे प्रदेश की पीड़ा में सहभागी हैं। 
वर्ष 2023 की भीषण आपदा के समय वे कुल्लू , सिरमौर , मंडी , सैंज , नगवाईं , आनी और रामपुर जैसे अनेक क्षेत्रों में मुख्यमंत्री से पहले पहुंचे और उन्होंने न केवल पीड़ितों से सीधा संवाद किया , बल्कि तुरंत राहत प्रयासों की पहल भी की। तोमर ने सवाल उठाया कि जब बंजार के तांदी गांव में भयानक अग्निकांड हुआ और गांव पूरी तरह खाक हो गया, उस समय सरकार कहाँ थी? मंत्री खुद बताएं कि उनकी सरकार का एक भी बड़ा चेहरा कितने दिन बाद वहां पहुँचा ? सच तो यह है कि सरकार ने राहत पहुंचाने से पहले कैमरा सेट किया, और फिर अफसरों को आगे कर खुद नदारद रहे।

भाजपा प्रवक्ता ने यह भी कहा कि जयराम ठाकुर न केवल मैदान में दिखे , बल्कि उन्होंने केंद्र से हिमाचल के लिए वास्तविक मदद दिलाने के लिए प्रधानमंत्री , गृह मंत्री और अन्य वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की और हिमाचल को 5200 करोड़ रुपये की राहत राशि दिलवाई। अब यह बताना जगत नेगी और उनकी सरकार का काम है कि वह पैसा कहां गया? कितनी मदद जरूरतमंदों तक पहुँची और कितनी लापरवाही और भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई? बलदेव तोमर ने मंत्री के क्षेत्रीय टिप्पणी पर तीखा प्रहार करते हुए कहा कि एक मंत्री यह कहे कि नेता प्रतिपक्ष को केवल अपने क्षेत्र की चिंता है। यह बयान उस सड़ी-गली सोच की उपज है जो सरकार को सिर्फ अपने तक सीमित रखना चाहती है। 
एक लोकतांत्रिक सरकार का दायरा पूरा प्रदेश होता है, और अगर कोई मंत्री इस बुनियादी समझ से भी परे है, तो उसे पद पर बने रहने का कोई अधिकार नहीं है। तोमर ने मांग की कि जगत सिंह नेगी को न केवल अपने शब्दों के लिए शर्मिंदा होना चाहिए, बल्कि प्रदेश की जनता से माफी मांगनी चाहिए। तोमर ने दो टूक शब्दों में कहा कि आपदा जैसे गंभीर विषय पर राजनीति करना , संवेदना की जगह कटाक्ष करना। यह केवल मानसिक खोखलेपन का प्रमाण है और इस मानसिक स्थिति में व्यक्ति को इलाज की नहीं , सख्त आत्ममंथन की जरूरत होती है।

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