हिमाचल प्रदेश में सूखे की मार, गेहूं की 20% फसल बर्बाद होने से किसान चिंतित
हिमाचल प्रदेश में बारिश न होने से सूखे जैसी स्थिति बन चुकी है। बारिश और बर्फबारी न होने से किसान भी परेशान हैं। वहीं औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के पहाड़ी इलाकों में सूखे ने किसानों की चिंता बढ़ा दी
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-12-2025
हिमाचल प्रदेश में बारिश न होने से सूखे जैसी स्थिति बन चुकी है। बारिश और बर्फबारी न होने से किसान भी परेशान हैं। वहीं औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन के पहाड़ी इलाकों में सूखे ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। लंबे समय से बारिश न होने के कारण गेहूं की फसल 15 से 20 फीसदी तक खराब हो चुकी है। यदि अगले कुछ दिनों में इंद्रदेव मेहरबान नहीं हुए, तो यह नुकसान और अधिक बढ़ सकता है।
बता दें कि बीबीएन क्षेत्र की करीब 7,000 हेक्टेयर भूमि पर गेहूं की बिजाई की गई है। क्षेत्र के मैदानी इलाकों में तो सिंचाई की सुविधा उपलब्ध है, लेकिन रामशहर, कुठाड़ और चंडी जैसे पहाड़ी क्षेत्रों में खेती पूरी तरह बारिश पर निर्भर है।
इस वर्ष नवंबर तक खेतों में अच्छी नमी होने के कारण किसानों ने समय पर बिजाई कर दी थी और फसल उगनी भी शुरू हो गई थी, लेकिन पिछले एक माह से सूखा पड़ने के कारण अब फसल के किनारे मुरझाने लगे हैं।
नालागढ़ के कुंडलू, रामशहर, जयनगर, लोहारघाट, दिग्गल और बद्दी के कुठाड़, पट्टा, चंडी, कोटबेजा, दाड़वा व भावगुड़ी पंचायतों के किसान सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। स्थानीय जनप्रतिनिधियों संजीव ठाकुर और कृष्णा शर्मा का कहना है कि यदि एक-दो दिन में बारिश नहीं हुई तो रही-सही उम्मीद भी खत्म हो जाएगी।
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