वैज्ञानिकों का दावा : गैनोडर्मा ल्यूसिडम औषधीय गुणों से भरपूर है जंगलों में पाई जाने वाली दुर्लभ मशरूम
जंगलों में पाई जाने वाली दुर्लभ मशरूम गैनोडर्मा ल्यूसिडम औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे लिंग्जी या रीशी के नाम से भी जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह मशरूम कैंसर से लड़ने में सहायक

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 26-02-2025
जंगलों में पाई जाने वाली दुर्लभ मशरूम गैनोडर्मा ल्यूसिडम औषधीय गुणों से भरपूर है। इसे लिंग्जी या रीशी के नाम से भी जाना जाता है। वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि यह मशरूम कैंसर से लड़ने में सहायक हो सकती है।
हिमालयन फॉरेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट (एचएफआरआई) शिमला और शूलिनी विश्वविद्यालय सोलन के वैज्ञानिक गैनोडर्मा नामक इस दुर्लभ हिमालयी मशरूम का अध्ययन कर रहे हैं। इस शोध में पता चला है कि प्राकृतिक रूप से उगने वाली इस मशरूम मे कैंसर रोधी तत्व मौजूद हैं। इससे प्रभावी कैंसर उपचार विकसित करने की उम्मीद की जा रही है।
सालों से कई वैद्य औषधीय गुणों के लिए इस मशरूम का उपयोग कर रहे हैं। चीनी और तिब्बती दवाइयों में सदियों से रीशी मशरूम का उपयोग रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाने के लिए किया जाता रहा है। हिमाचल प्रदेश के पर्यावरण विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग की ओर से वित्तपोषित एक शोध परियोजना के तहत एचएफआरआई के वैज्ञानिक शिमला के पंथाघाटी में चीड़ की पत्तियों पर मशरूम उगाए जा रहे हैं और प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से जंगली गैनोडर्मा प्रजाति को एकत्र किया जा रहा है।
एचएफआरआई के विशेषज्ञ इस मशरूम की वृद्धि और गुणों का अध्ययन कर रहे हैं, जबकि शूलिनी विश्वविद्यालय के शोधकर्ता इसके औषधीय लाभों, विशेष रूप से कैंसर से लड़ने की इसकी क्षमता का विश्लेषण कर रहे हैं। परियोजना का शूलिनी विश्वविद्यालय के जैव अभियांत्रिकी और खाद्य प्रौद्योगिकी विभाग के प्रमुख प्रो. दिनेश कुमार के अलावा रचना भारद्वाज और डॉ. अश्वनी तपवाल कर रहे हैं।
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