बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार जिम्मेवार : डा. बिंदल
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. राजीव बिंदल ने सरकार और पुलिस के अंतर्द्वंद का मामला उठाते हुए कहा हिमाचल प्रदेश की बिगड़ती कानून व्यवस्था के लिए पूरी तरह से हिमाचल प्रदेश की वर्तमान कांग्रेस सरकार जिम्मेदार है। यह बात एसपी शिमला द्वारा की गई प्रेस कॉन्फ्रेंस से पूरी तरह से साबित होती है। बिंदल ने कहा कि एसपी शिमला ने डीजीपी पर अनेक प्रकार के प्रश्न खड़े किए

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 24-05-2025
बिंदल ने सरकार से किये पांच सवाल
क्या सुपरिटेंडेंट ऑफ पुलिस की प्रेस कॉन्फ्रेंस मुख्यमंत्री के आदेश पर हुई है या उनसे पूछकर हुई है या उनसे सलाह लेकर हुई है?
क्या डीजीपी साहब जो सारी बात कह रहे हैं वो मुख्यमंत्री द्वारा जानी या समझी गई है?
क्या सरकार एवं अधिकारियों की आपसी लड़ाई जनता की सुरक्षा से ऊपर है ?
क्या अधिकारियों की आपसी लड़ाई में हिमाचल प्रदेश की जनता पिस रही है ? इसके लिए जिम्मेदार और कोई नहीं है ?
मुख्यमंत्री और मंत्री जिम्मेदार
बिंदल में कहा कि वर्तमान स्थिति के लिए जिम्मेदार केवल और केवल वर्तमान कांग्रेस की सरकार , मुख्यमंत्री और इनके मंत्रीगण हैं, जो पूरी तरह से मूकदर्शक बने हैं। वास्तव में मुख्यमंत्री मूकदर्शक नहीं है। जिस तरह से विमल नेगी की हत्या का मामला उसको और किस तरह से और छुपाने का प्रयास किया गया और उच्च न्यायालय ने जब उसके अंदर सीबीआई की इंक्वायरी दी है तो अब बहुत सारी चीजें और निकल रही हैं। सरकार कह रही है, सरकार के प्रवक्ता कह रहे हैं, हम इसके अंदर अपील फाइल नहीं करेंगे। परंतु पीआईएल फाइल हो रही है। वो पीआईएल क्यों फाइल हो रही है? कहां से फाइल हो रही है? और उसके अंदर और एडिशनल सब्सटेंस फाइल करने के लिए पुलिस विभाग कह रहा है। यह केवल एक मामला नहीं पूरे प्रदेश की स्थिति खराब है। आज की प्रेस कॉन्फ्रेंस के अंदर समोसे की इंक्वायरी का मामला सामने आता है। अनेक मामले सामने आते हैं। यह चीज बहुत खतरनाक है। शायद किसी भी सरकार में मुख्यमंत्री की नाक के नीचे, होम मिनिस्टर की नाक के नीचे इस प्रकार की घटना कभी हुई होगी और ना भूतो ना भविष्यतिथी। इस स्थिति के अंदर सरकार को और चिंतन करने की आवश्यकता है। क्या वह और गद्दी पर रहने की स्थिति में है या नहीं? मुख्यमंत्री जो होम मिनिस्टर हैं उनका विभाग आपस में गुथमगुथा करके लड़ रहा है। और जनता त्रस्त है। उसके ऊपर वह मूकदर्शक है। यह कब तक चलेगा? कब तक हिमाचल की जनता पिसती रहेगी? यह सवाल आज स्पष्ट रूप से दिखाई देता है और विमल नेगी जी की रहस्यमई मृत्यु उसको और उलझाने की आवश्यकता नहीं है और प्रदेश की जनता और माननीय उच्च न्यायालय ने जो निर्णय दिया है उसको अक्षरश पालन करने की आवश्यकता है। उनके साक्ष्यों को मिटाकर गड़बड़ करके करना यह सर्वथा और जनहित के परे है।
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