बनार की रस्सी से मजबूत होगा जूट का बैग,क्लस्टर लेवल फेडरेशन खुशाला बना रहे जूट और चीड़ की पत्तियों से उत्पाद

जिला शिमला में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में सरकार के प्रयासों को धरातल पर तीव्रता से उतारा जा रहा है। जिला के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) खुशाला ने जूट से बने उत्पादों और चीड़ के पत्तियों के उत्पादों को तैयार करके अपने स्वरोजगार को सुनिश्चित करना शुरू

May 5, 2025 - 13:21
May 5, 2025 - 14:24
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बनार की रस्सी से मजबूत होगा जूट का बैग,क्लस्टर लेवल फेडरेशन खुशाला बना रहे जूट और चीड़ की पत्तियों से उत्पाद

उपायुक्त से मिला फेडरेशन का प्रतिनिधिमंडल,जिला प्रशासन मुहैया करवाएगा प्रशिक्षण

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     05-05-2025

जिला शिमला में ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करने की दिशा में सरकार के प्रयासों को धरातल पर तीव्रता से उतारा जा रहा है। जिला के क्लस्टर लेवल फेडरेशन (सीएलएफ) खुशाला ने जूट से बने उत्पादों और चीड़ के पत्तियों के उत्पादों को तैयार करके अपने स्वरोजगार को सुनिश्चित करना शुरू कर दिया है। फेडेरशन के प्रतिनिधिमंडल ने सोमवार को उपायुक्त अनुपम कश्यप से उनके कार्यालय में भेंट की।

उपायुक्त ने फेडरेशन की ओर से तैयार किए जा रहे उत्पादों की सराहना करते हुए कहा कि इन उत्पादों में स्थानीय कच्चे माल का इस्तेमाल करें ताकि ईको फ्रेडली प्रणाली विकसित हो सके। उन्होंने सुझाव दिया कि बनार के पेड़ की रस्सी का इस्तेमाल जूट के बैग के हैंडल बनाने के लिए करना चाहिए। इस सुझाव को फेडरेशन ने स्वीकार करते हुए कहा कि अब सभी नए जूट के उत्पादों में बनार की रस्सी को इस्तेमाल किया जाएगा।

उपायुक्त ने कहा कि क्लस्टर लेवल फेडरेशन खुशाला बेहतर कार्य कर रही है और उनके स्थानीय उत्पादों को बाजारों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन हर संभव प्रयास करेगा। इसके अलावा उत्पादों की गुणवत्ता और पैकिंग बेहतरीन करने की दिशा में भी निर्देश दिए गए है ताकि अधिक से अधिक लोग इन उत्पादों को खरीद सके। 

जिला प्रशासन जल्द ही इनके लिए विशेष प्रशिक्षण शिविर आयोजित करेगा ताकि यह महिलाएं अत्याधुनिक मशीनों का उपयोग और मार्केटिंग तकनीकों को सीख सके। इस दौरान एडीएम प्रोटोकॉल ज्योति राणा, क्लस्टर लेवल फेडरेशन खुशाला की प्रधान प्रेरणा, महासचिव विमला शर्मा सहित अन्य गणमान्य भी मौजूद रहे।

टूटु विकास खंड के तहत क्लस्टर लेवल फेडरेशन खुशाला में अभी तक 1009 के करीब महिलाएं जुड़ी हुई। इसमें 110 स्वंय सहायता समूह हैं। महिलाएं स्थानीय उत्पादों को तैयार करके अपनी अजीविका कमा रही हैं। एनआरएलएम के मिशन एक्जीक्यूटिव कुशाल सिंह ने कहा कि क्लस्टर स्तर पर सभी समूह एक जुट होकर जूट और चीड़ की पत्तियों से उत्पाद तैयार कर रहे हैं। 

इन्हे बाजार मुहैया करवाने और अन्य चुनौतियों से निपटने के लिए हर संभव सहायता प्रदान करवाई जा रही है। जूट के माध्यम से लेपटाॅप बैग, कांफ्रेंस बैग, फाईल फोल्डर, लंच बाक्स बैग आदि तैयार किया जा रहे हैं। इसके अलावा, चीड़ की पत्तियों से डेकोरेशन के उत्पाद, हाॅटकेस, पेन स्टैंड, कोस्टर, प्लेसमेंट ट्रे, बाॅस्कट, बाउल, मिनी चेस्ट और हैंगिग लैंप आदि तैयार किए जा रहे है।

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