प्रदेश के तकनीकी संस्थानों में अनाथ बच्चों के लिए हर पाठ्यक्रम में आरक्षित सीट करने का लिया निर्णय
हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी एवं निजी तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अनाथ बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक-एक सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 07-08-2025
हिमाचल प्रदेश सरकार ने प्रदेश के सभी सरकारी, अर्ध-सरकारी एवं निजी तकनीकी शिक्षण संस्थानों में अनाथ बच्चों के लिए प्रत्येक पाठ्यक्रम में एक-एक सीट आरक्षित करने का निर्णय लिया है। यह निर्णय औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों (आईटीआई), पॉलिटेक्निक, इंजीनियरिंग कॉलेजों और फार्मेसी संस्थानों पर लागू होगा।
इस पहल का उद्देश्य समाज के सबसे संवेदनशील वर्गों में शामिल अनाथ बच्चों को गुणवत्तापूर्ण तकनीकी शिक्षा प्रदान करना है। सरकार का प्रयास है कि संरचनात्मक और वित्तीय बाधाओं को दूर करके इन बच्चों को अपने उज्ज्वल भविष्य के सपने को साकार करने का एक सम्मानजनक अवसर प्रदान किया जाए।
सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि प्रवेश पूरी तरह मेरिट के आधार पर होगा। पात्रता की पुष्टि सक्षम अधिकारी की ओर से की जाएगी। यह प्रावधान कुल स्वीकृत सीटों की संख्या बढ़ाए बिना और संस्थानों पर किसी अतिरिक्त ढांचागत या वित्तीय बोझ डाले बिना लागू किया जाएगा।
मौजूदा संसाधनों के बेहतर उपयोग के माध्यम से सामाजिक समावेश को बढ़ावा देने के लिए यह फैसला लिया गया है। राज्य सरकार की यह पहल समाज के वंचित वर्गों को सशक्त बनाने की व्यापक दृष्टि के अनुरूप सभी कल्याणकारी प्रयासों को सशक्त बनाती है।
इस योजना में सरकार उनके समग्र पालन-पोषण और शिक्षा सहित 27 वर्ष की आयु तक उनकी देख-रेख कल्याण की जिम्मेदारी लेती है। हिमाचल प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने इस विषय में कानून बनाकर अनाथ बच्चों को कानूनी अधिकार प्रदान किए हैं।
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