बच्चों को समय देकर उनकी समस्याओं का समाधान करें माता-पिता : उपायुक्त
जिला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम-2012 और स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ, अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट), 1985 पर आधारित विशेष कार्यशाला

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 24-02-2025
जिला सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता तथा महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से बाल यौन अपराध संरक्षण अधिनियम-2012 और स्वापक औषधि और मनः प्रभावी पदार्थ, अधिनियम (एनडीपीएस एक्ट), 1985 पर आधारित विशेष कार्यशाला का आयोजन आज यहाँ बचत भवन में किया गया। कार्यशाला में उपायुक्त अनुपम कश्यप ने बतौर मुख्यातिथि शिरकत की।
कार्यशाला को संबोधित करते हुए उपायुक्त ने कहा कि नशे और बाल संरक्षण को लेकर हर घर को वन स्टाॅप सेंटर की भूमिका निभानी होगी। बच्चों की समस्याओं का समाधान घर के स्तर पर ही करने के लिए माता पिता को अग्रणी तौर पर कार्य करना चाहिए। अगर घर के स्तर पर समाधान नहीं होता है तो फिर अन्य एजेंसियों का सहयोग लेना चाहिए।
उपायुक्त ने कहा कि आज के परिदृश्य में माता पिता बच्चों को समय नहीं दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि बच्चों के हाथों में मोबाईल थमा कर जिम्मेवारियों से पल्ला झाड़ रहे हैं। हमें अपने बच्चों के साथ समय व्यतीत करना होगा। बच्चों के असली काउंसलर तो माता पिता होते है, जो पल-पल बच्चों को सही और गलत बातों के बारे में जागरूक करते है।
उन्होंने कहा कि शिमला में चिटटे के खिलाफ प्रशासन प्रभावी तरीके से कार्य कर रहा है। शिमला पुलिस का भरोसा अभियान भी सफल हो रहा है। इस अभियान के तहत बड़े-बड़े अन्तर्राजीय गिरोहों का भंडाफोड़ किया जा चुका है। नशे के कारोबार में संलिप्त लोगों को सलाखों के पीछे पहुंचाया जा रहा है, लेकिन यह अभियान और प्रभावी तभी होगा जब आम जनता पुलिस की मददगार बनेगी।
पुलिस को नशे का कारोबार करने वालों के बारे में सूचनाएं देगी। पुलिस सूचना देने वाले की पहचान को गुप्त रखती है। पुलिस के साथ संवाद होना बेहद आवश्यक है। उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि जिला के सभी स्कूलों में अब एक दिन निर्धारित किया जाएगा जिसमें शिक्षकों और बच्चों के अभिभावकों को बाल संरक्षण और मादक पदार्थों के बारे में जागरूक किया जाएगा ।
इस विशेष दिन प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग की टीम शिक्षकों और अभिभावकों को जागरूक करेगी। उन्होंने कहा कि स्कूल प्रबंधन यह सुनिश्चित करेगा कि उक्त दिन सभी अभिभावक मौजूद रहे। अभिभावकों और शिक्षकों को अपने बच्चों पर निगरानी रखी होगी। तभी बच्चों के बारे में सही सूचनाएं मिल पाएंगी और समाज में व्याप्त नशे से सुरक्षित रख पाएंगी।
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