हिमाचल में पहली बार लगाए जा रहे एक किग्रा फल वाले वीएनआर बिही अमरूद के पौधे, 31 जुलाई तक 28,000 पौधे लगाने का रखा लक्ष्य  

हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक किग्रा फल वाले वीएनआर बिही अमरूद के पौधे लगाए जा रहे हैं। ऊना के बंगाणा उपमंडल में पांच पंचायतों में अमरूद की इस आधुनिक किस्म को तैयार किया जाएगा

Jul 21, 2025 - 15:47
Jul 21, 2025 - 15:56
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हिमाचल में पहली बार लगाए जा रहे एक किग्रा फल वाले वीएनआर बिही अमरूद के पौधे, 31 जुलाई तक 28,000 पौधे लगाने का रखा लक्ष्य  

यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना     21-07-2025

हिमाचल प्रदेश में पहली बार एक किग्रा फल वाले वीएनआर बिही अमरूद के पौधे लगाए जा रहे हैं। ऊना के बंगाणा उपमंडल में पांच पंचायतों में अमरूद की इस आधुनिक किस्म को तैयार किया जाएगा। इसके बाद सिरमौर जिले में भी इस किस्म के पौधे लगाए जाएंगे। दो साल के भीतर यह पौधे फल देना शुरु करेंगे। बागवानी विभाग की ओर से 31 जुलाई तक 28,000 पौधे लगाने का लक्ष्य रखा गया है। 

इसके बाद 22,000 और पौधे लगाए जाएंगे, जिसे लेकर विभाग ने नए स्थान चिन्हित करना शुरू कर दिया है। जानकारी के अनुसार ऊना जिला के बंगाणा की मोमन्यार पंचायत के बोल में दो स्थानों पर, टीहरा पंचायत के सन्हाल में, डीहर के चड़ोली गांव में, चंगर के हंडोला और मुच्छाली पंचायत में इस समय अमरूद के पौधे लगाए जा रहे हैं।

बागवानी विभाग द्वारा लगाए जा रहे पौधे वीएनआर बिही किस्म के हैं, जिन्हें छत्तीसगढ़ के रायपुर से मंगवाया गया है। पहले चरण में उक्त पंचायतों की 25 हेक्टेयर जमीन पर पौधरोपण किया जा रहा। इसे पूरा करने के लिए 31 जुलाई तक का लक्ष्य रखा गया है। कुल 122 किसानों के जमीन पर पौधे लगाए जा रहे। खास बात यह कि जिन जमीन पर पौधरोपण किया जा रहा, वह पूरी तरह बंजर है। 

ऐसे में एचपी शिवा परियोजना के माध्यम से 122 किसानों की बंजर पड़ी जमीन लहलहाए। इससे किसानों भविष्य में अच्छा आय होना तय है। परियोजना के तहत पौधरोपण जमीन की बाड़बंदी से लेकर वहां सिंचाई की व्यवस्था भी की गई है। इससे जरूरत पड़ने पर पौधों की सिंचाई हो पाएगी। हालांकि वीएनआर बिही किस्म के अमरूद को सिंचाई की अधिक आवश्यकता नहीं पड़ती।


अमरूद की वीएनआर बिही किस्म सर्दी और गर्मी दोनों मौसमों के लिए उपयुक्त होती है। यह सिर्फ दो साल में ही फल देना आरंभ कर देता है। इसमें कम से कम 300 ग्राम तथा अधिकतम एक किलोग्राम का फल होता। वर्तमान में छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पंजाब, महाराष्ट्र, गुजरात में बड़े पैमाने पर यह किस्म तैयार होती है। 

कम समय में फल लगने व बेमौसमी उत्पादन के चलते यह किसानों के बीच लोकप्रिय हो रहा है। इसकी उपज 300 क्विंटल तक प्रति हेक्टेयर प्राप्त की जा सकती है। वीएनआर बिही प्रजाति के अमरूद के लिए जलवायु ज्यादा गर्म या ठंडी नहीं होनी चाहिए। इसमें पांच से 30 डिग्री सेल्सियस का तापमान बेहतर होता है।

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