यंगवार्ता न्यूज़ - कुल्लू 25-07-2025
खराहल घाटी में प्रस्तावित बिजली महादेव रोपवे प्रोजैक्ट के खिलाफ शुक्रवार को कुल्लू जिले में जोरदार विरोध प्रदर्शन देखने को मिला। राम शिला से लेकर ढालपुर तक निकाली गई एक विरोध रैली निकाली गई, जिसमें सैकड़ों की संख्या में ग्रामीणों , महिलाओं , बुजुर्गों और युवाओं ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया। यह रैली राम शिला से शुरू होकर अखाड़ा बाजार , ब्यासा मोड़, सरवरी , लोअर ढालपुर होते हुए डीसी कार्यालय तक पहुंची। इस दौरान बिजली महादेव की जय , रोपवे नहीं चाहिए जैसे नारों से पूरा कुल्लू गूंज उठा। प्रदर्शनकारियों ने डीसी कार्यालय तक पहुंचकर सरकार से इस प्रोजेक्ट को रद्द करने की मांग की। इस विरोध प्रदर्शन की अगुवाई बिजली महादेव रोपवे संघर्ष समिति ने की।
समिति का कहना है कि यह परियोजना न केवल पर्यावरण को नुकसान पहुंचाएगी , बल्कि स्थानीय लोगों की धार्मिक भावनाओं और सदियों पुरानी देव परंपराओं को भी ठेस पहुंचाएगी। संघर्ष समिति और स्थानीय लोगों की स्पष्ट मांग है कि बिजली महादेव जोकि एक पवित्र देवस्थल है, उसे पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने की कोशिश नहीं की जानी चाहिए। समिति के अध्यक्ष सुरेश नेगी ने कहा कि यह सिर्फ एक आंदोलन नहीं , हमारी आस्था और संस्कृति की रक्षा का प्रयास है। यहां देव कार्यों के दौरान आवाजाही पर रोक लगाई जाती है। उन्होंने सवाल किया कि रोपवे बनने के बाद क्या कोई कंपनी इन परंपराओं का सम्मान करेगी?
वहीं रैली में शामिल एक महिला मनी देवी ने कहा कि बिजली महादेव हमारे आराध्य हैं। यहां पेड़ों की कटाई और पर्यावरण को नुकसान पहुंचा कर रोपवे बनाना देवता की अवहेलना है। सरकार को चाहिए कि वो देववाणी और जनता की भावनाओं का सम्मान करे। इस आंदोलन में कोई दलगत राजनीति नहीं दिखी। दिलचस्प बात यह रही कि भाजपा समर्थकों सहित विभिन्न राजनीतिक दलों से जुड़े लोग भी इस रैली में शामिल हुए। रैली में पूर्व विधायक व पूर्व सांसद महेश्वर सिंह की उपस्थिति ने आंदोलन को और भी मजबूती दी।
उन्होंने कहा कि जब इतनी बड़ी संख्या में जनता और महिलाएं विरोध में खड़ी हैं, तो हम कैसे आंखें मूंद सकते हैं? इस दौरान मंच पर उनका भावुक होना लोगों के बीच चर्चा का विषय बना रहा। शहर के व्यापारियों ने भी संघर्ष समिति का साथ दिया। व्यापार मंडल के विरोध के बावजूद कई दुकानदारों ने अपने प्रतिष्ठान स्वेच्छा से बंद रखे और रैली में शामिल हुए। संघर्ष समिति ने व्यापारियों का आभार जताते हुए कहा कि यह समर्थन दर्शाता है कि यह सिर्फ एक क्षेत्रीय मुद्दा नहीं, बल्कि देवभूमि की अस्मिता का प्रश्न है।