सरकाघाट में 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम सुक्खू ने ध्वजारोहण के बाद भव्य परेड की ली सलामी  

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सरकाघाट में 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण के बाद सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया

Aug 15, 2025 - 12:40
Aug 15, 2025 - 12:41
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सरकाघाट में 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह में सीएम सुक्खू ने ध्वजारोहण के बाद भव्य परेड की ली सलामी  

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला     15-08-2025

मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने सरकाघाट में 79वें स्वतंत्रता दिवस समारोह की अध्यक्षता कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने ध्वजारोहण के बाद सलामी ली और परेड का निरीक्षण किया। मूसलाधार बारिश के बीच सरकाघाट के राजकीय सीनियर सेकेंडरी स्कूल में यह स्वतंत्रता दिवस समारोह चल रहा है। जनता आजादी के जश्न को लेकर जोश से लबरेज है और लोगों का उत्साह देखते ही बनता है।

आपदा प्रभावितों के लिए 100 करोड़ रुपये की एक और किश्त जारी की जाएगी। इस राशि का ज्यादातर उपयोग मंडी जिला के आपदा प्रभावितों के लिए होगा। सभी सरकारी शैक्षणिक संस्थानों ( स्कूलों, कॉलेज, मेडिकल कॉलेज, आईटीआई, पॉलिटेक्निक आदि) के अध्यापकों को शैक्षणिक सत्र के बीच में रिटायर नहीं किया जाएगा।

प्रदेश में 200 CBSE पाठ्यक्रम वाले स्कूल खोले जाएंगे। युवाओं को अवसर देने के लिए 2000 ई-थ्री व्हीलर परमिट जारी होंगे। जनजातीय और गैर-जनजातीय क्षेत्रों में सौर परियोजनाओं पर ब्याज सब्सिडी दी जाएगी और हिमाचल प्रदेश बिजली बोर्ड बिजली खरीदेगा, जिससे सुनिश्चित आय मिलेगी। इसके लिए 61 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

अटल मेडिकल एंड रिसर्च यूनिवर्सिटी नेरचौक से सरकाघाट शिफ्ट होगी। सरकार पटवारियों के 600 पद, जेबीटी के 600 पद, पंचायत सेक्रेटरी के 300 व डॉक्टरों के 200 पद भरेगी। 

हिमाचल प्रदेश राज्य चयन आयोग भर्ती प्रक्रिया सुधार होगा। पहले केवल इंटरव्यू के नंबर के आधार पर नौकरी दी जाती थी। बाद में लिखित परीक्षा के नंबर सिर्फ क्वालिफिकेशन के लिए होते थे, लेकिन फाइनल मेरिट में नहीं जोड़े जाते थे। अब सरकार ने निर्णय लिया है कि फाइनल मेरिट में लिखित परीक्षा और इंटरव्यू दोनों के नंबर जोड़े जाएंगे, ताकि सही मायने में मेहनती उम्मीदवार को नौकरी मिले।

परीक्षा में नकल करने वाले और नकल कराने वालों को 3 साल की कैद की सज़ा का प्रावधान। इसके लिए सरकार विधानसभा में बिल ला रही है। प्रदेश से नशे को जड़ से मिटाने के लिए हर गांव और पंचायत में 'नशा निवारण समितियां' बनाई जाएंगी। इन समितियों में पंचायत सचिव, आशा वर्कर, आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और एक पुलिस हेड कॉन्स्टेबल शामिल होंगे।

एसएचओ और एसपी नियमित रूप से पंचायत-स्तर पर नशा संबंधित जानकारी एकत्र करेंगे और रिपोर्ट पुलिस मुख्यालय को भेजेंगे। पंचायत स्तर पर हेड कांस्टेबल नामित किये जायेंगे। हर महीने बैठक होगी और नशा मामलों पर कार्रवाई की समीक्षा की जाएगी।

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