न्यूज़ एजेंसी - जम्मू 14-08-2025
जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के पड्डर सब डिवीजन में बादल फटने की घटना पेश आई है। यहां चिशोती गांव में मचैल माता मंदिर के पास बादल फटा है। बादल फटने की घटना के बाद से अब तक 33 लोगों के शव बरामद कर लिए गए हैं, मृतकों में CISF के दो जवान भी शामिल हैं। वहीं, 120 लोग इस हादसे में घायल हुए हैं। 50 लोगों को रेस्क्यू कर लिया गया है। वहीं, मणिमहेश यात्रा पर निकले एक श्रद्धालु की पत्थर लगने से मौत हो गई है।
हादसा गूईंनाला नाला के पास हुआ है। मृतक की पहचान दविंद्र सिंह पुत्र गोपी चंद निवासी मतोता जिला डोडा जम्मू कश्मीर के तौर पर हुई है। बताया जा रहा है कि दविंद्र सिंह डल झील की ओर जा रहा था कि साढ़े ग्यारह बजे के आसपास गूईंनाला नामक स्थान पर पहाड़ी से पत्थर गिरने के कारण गंभीर रूप से घायल हो गया और उसकी मौके पर मौत हो गई। बताते है कि वीरवार सुबह करीब 11:30 बजे पहाड़ी पर बादल फटा। किश्तवाड़ से 83 किलोमीटर दूर उपमंडल पाडर में स्थित चिशौती के उस हिस्से में भारी तबाही आई जो नाले पर बसे थे। नाले वाला पूरा हिस्सा ही बह गया है।
पाडर के कई नालों में पानी का बहाव बहुत तेज हो गया है। भारी मात्रा में पानी बरस जाने से बाढ़ आ गई। पानी के साथ पत्थर व पेड़ बह कर आए जो घरों, दुकानों व यात्रियों को बहा ले गए। इनके लोगों को संभलने तक का मौका नहीं मिला। शुरुआत में 12 लोगों की मौत की खबर आई, जो शाम तक बढ़कर 38 तक पहुंच गई। कई लोग अब भी लापता हैं। आपदा में मचैल माता तीर्थयात्रियों के लापता और घायल होने की खबर है। कई यात्री किश्तवाड़ व अन्य जगहों से वापस लौट रहे हैं। 75 से ज्यादा घायलों को अठोली पीएचसी में भर्ती कराया गया।
वहां से 12 को किश्तवाड़ जिला अस्पताल और चार को राजकीय मेडिकल कॉलेज जम्मू रेफर कर दिया दिया गया। अन्य का पीएचसी में उपचार चल रहा है। संभागीय आयुक्त रमेश कुमार ने बताया कि स्थानीय पुलिस, एसडीआरएफ व एनडीआरएफ की टीमें घटनास्थल पर पहुंच गई हैं। सेना और वायुसेना की टीमें भी सक्रिय हो गई हैं। खोज और बचाव अभियान जारी है। मौसम खराब होने से हेलिकॉप्टर का राहत और बचाव कार्य में इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है। किश्तवाड़ से अतिरिक्त मेडिकल टीम, एंबुलेंस आदि भी मौके पर भेज दी गई हैं।