जोगिंद्रनगर का चुल्हा हाइड्रो प्रोजेक्ट बना कमाऊपूत,इन दोनों से सरकार को मिलेंगे करीब 300 करोड़ रुपए  

हिमाचल में संचालित किए जा रहे बिजली के दो प्रोजेक्ट लागत ज्यादा होने के बावजूद अब सरकार की झोली भरने को तैयार हंै। इन दोनों से सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए मिलेंगे

Oct 18, 2025 - 13:22
Oct 18, 2025 - 13:31
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जोगिंद्रनगर का चुल्हा हाइड्रो प्रोजेक्ट बना कमाऊपूत,इन दोनों से सरकार को मिलेंगे करीब 300 करोड़ रुपए  

यंगवार्ता न्यूज़ - मंडी    18-10-2025

हिमाचल में संचालित किए जा रहे बिजली के दो प्रोजेक्ट लागत ज्यादा होने के बावजूद अब सरकार की झोली भरने को तैयार हंै। इन दोनों से सरकार को करीब 300 करोड़ रुपए मिलेंगे। इनमेंं जोगिंद्रनगर के चुल्हा हाइड्रो प्रोजेक्ट के संचालन को सुक्खू सरकार ने जैसे ही 185 करोड़ मुहैया करवाए, उसका इफैक्ट यह हुआ कि आठ महीनों में यह प्रोजेक्ट कमाऊ पूत बन गया। 

प्रोजेक्ट के संचालन से करीब 150 करोड़ की आय अर्जित करने का अनुमान प्रोजेक्ट प्रबंधन ने लगाया है। यहां 300 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन किया गया है। वहीं कड़छम वांगतू की बढ़ी हुई रायल्टी से भी सरकार के खजाने में करोड़ों रुपए आने वाले हैं। सर्वोच्च न्यायालय ने कड़छम-वांगतू परियोजना से रॉयल्टी को लेकर राज्य सरकार के पक्ष में सुनाए फैसले के बाद सीधे ही 150 करोड़ का फायदा हुआ है।

जेएसडब्ल्यू एनर्जी कंपनी को 1045 मेगावाट क्षमता वाली इस परियोजना से हिमाचल को 12 प्रतिशत के बजाय 18 प्रतिशत रॉयल्टी देनी होगी। इससे प्रदेश सरकार को लगभग 150 करोड़ की अतिरिक्त वार्षिक आय होगी। इसके साथ ही 12 वर्ष पूर्ण कर चुकी अन्य परियोजनाओं के लिए भी यह फैसला मील का पत्थर साबित होगा। 

इस फैसले से राज्य सरकार के खजाने में प्रति वर्ष 250 करोड़ से अधिक की आय आएगी। सुक्खू सरकार ने बिजली बोर्ड बोर्ड को घाटे से उभारने के लिए जो कवायद शुरू की है, उसी का परिणाम है कि हिमाचल के दो पावर प्रोजेक्ट सरकारी खजाने को भरने के लिए तैयार हैं।

चुल्हा हाइड्रो परियोजना साल 2002 से निर्माणाधीन थी। इस पर लगभग 435 करोड़ रुपए खर्च कर बनाया जाना था, लेकिन इस पर लगभग 3000 करोड़ रुपए खर्च किए गए हैं। इसमें से लगभग 1700 करोड़ रुपए इंटरेस्ट ड्यूरिंग कंस्ट्रक्शन के रूप में केवल निर्माण में हुई देरी के कारण व्यय हुए।

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