प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला को उसके तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश देने का लिया फैसला 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला को उसके तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश देने का ऐतिहासिक फैसला दिया है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 15, 21, 42 और 51 के अनुसरण में महिला की गरिमा से जोड़ते हुए यह फैसला सुनाया

Nov 19, 2025 - 13:05
Nov 19, 2025 - 13:06
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प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला को उसके तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश देने का लिया फैसला 

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला    19-11-2025 

हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने याचिकाकर्ता महिला को उसके तीसरे बच्चे के जन्म पर मातृत्व अवकाश देने का ऐतिहासिक फैसला दिया है। न्यायाधीश ज्योत्सना रिवाल दुआ की अदालत ने संविधान के अनुच्छेद 15, 21, 42 और 51 के अनुसरण में महिला की गरिमा से जोड़ते हुए यह फैसला सुनाया है। 

अदालत ने राज्य सरकार को आदेश दिया कि याचिकाकर्ता को तीसरे बच्चे के जन्म के लिए उसकी ओर से किए आवेदन की तारीख से 12 हफ्ते की अवधि के लिए मातृत्व अवकाश दिया जाए। अदालत ने कहा कि केंद्रीय सिविल सेवा अवकाश नियम 1972 के आधार पर महिला कर्मचारियों को मातृत्व अवकाश के लिए दायर मामलों का निर्णय करते समय एक सर्वोपरि कारक को ध्यान में रखा जाना चाहिए। 

ऐसे मामलों का केवल निर्णय ही नहीं करना है, बल्कि उन्हें भारत के संविधान में निहित महिलाओं के मौलिक अधिकारों के अनुसरण में देखना चाहिए। केंद्रीय सिविल सेवा अवकाश नियम 1972 हालांकि एक महिला को उसके तीसरे जैविक बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश की अनुमति नहीं देते हैं, लेकिन वर्ष 2017 में संशोधित मातृत्व लाभ अधिनियम 1961 की धारा 5 (3) इसकी अनुमति देता है। हालांकि, तीसरे बच्चे के लिए मातृत्व अवकाश की अवधि पहले दो बच्चों के लिए प्रदान की अवधि से कम है।

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