न्यूज़ एजेंसी - नई दिल्ली 01-02-2025
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मध्यम वर्ग को बड़ी राहत दे दी है। अब 12 लाख रुपये तक की आमदनी आयकर के दायरे से बाहर होगी। वित्त मंत्री ने प्रत्यक्ष कर पर बजट में कहा कि नए आयकर विधेयक में न्याय की भावना को प्रमुखता दी जाएगी। वित्त मंत्री ने कहा कि 12 लाख रुपये तक की आमदनी पर अब कोई आयकर नहीं लगेगा। इसमें जब स्टैंडर्ड डिडक्शन भी जोड़ देंगे तो वेतनभोगी लोगों के लिए 12.75 लाख रुपये की कर योग्य आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा। वित्त मंत्री ने कहा है कि इस फैसले से मध्यम वर्ग पर करों को काफी हद तक कम करने में मदद मिलेगी। उनके पास अधिक पैसा छोड़ने, घरेलू खपत, बचत और निवेश बढ़ाने का मौका होगा।
वित्त मंत्री ने एलान किया है सभी करदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए आयकर स्लैब और दरों में बदलाव किया जा रहा है। वित्त मंत्री ने कहा है कि नई कर व्यवस्था के तहत 12 लाख की आय तक शून्य आयकर लगेगा। मध्यम वर्ग पर सरकार ने विशेष ध्यान दिया है और व्यक्तिगत आयकर प्रणाली में सुधार किया है। वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में कहा है कि टीडीएस की सीमा में बदलाव किए जाएंगे ताकि इसमें एकरूपता लाई जा सके। वरिष्ठ नागरिकों के लिए टीडीएस में छूट की सीमा को 50 हजार से बढ़ाकर एक लाख रुपये किया जाएगा। किराए से होने वाली आमदनी पर टीडीएस में छूट की सीमा को बढ़ाकर छह लाख रुपये किया जाएगा। वित्त मंत्री के अनुसार नॉन-पैन मामलों में उच्च टीडीएस के प्रावधान लागू रहेंगे।
अपडेटेड रिटर्न दाखिल करने की सीमा को दो साल से बढ़ाकर चार साल कर दिया है। वित्त मंत्री के बजट 2024 के अनुसार पहले किसी करदाता की सालाना आय 7 लाख 75 हजार रुपये तो स्टैंडर्ड डिडक्शन के 75,000 रुपये घटाने के बाद उसकी आमदनी 7 लाख रुपये सालाना हो जाती थी। ऐसे में उसे कोई टैक्स नहीं देना पड़ता था। इसका मतलब है अगर किसी व्यक्ति का मासिक वेतन 64000 या 64500 रुपये के आसपास थी तो नई कर प्रणाली के तहत उसकी आमदनी टैक्स फ्री थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज, 1 फरवरी को संसद में बतौर वित्त मंत्री रिकॉर्ड आठवां बजट पेश किया। अपने बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा कि इस बार का बजट गरीबों, युवाओं, किसानों और महिलाओं पर केंद्रित है।
सरकार का ध्यान रोजगार पर है। सरकार नवाचार पर ध्यान दे रही है और कृषि के क्षेत्र में भी रोजगार बढ़ाने की दिशा में काम कर रही है। लिथियम बैटरी और टीवी समेत इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट सस्ते होंगे। इसके अलावा इलेक्ट्रिक कारें सस्ती होंगी। मोबाइल से लेकर टीवी तक सस्ता होगा। इसके अलावा भारत में बनने वाले सभी तरह के इलेक्ट्रॉनिक प्रोडक्ट सस्ते होंगे। सरकार उनके परिचय पत्र बनाने में मदद करेगी और उन्हें ई-श्रम कार्ड मुहैया कराएगी। इससे 1 करोड़ Gig वर्कर्स को फायदा मिलेगा। स्कूलों और उच्च शिक्षण संस्थानों के लिए डिजिटल किताबें उपलब्ध कराई जाएंगी। शिक्षा क्षेत्र के लिए निर्मला सीतारमण ने आईआईटी के विस्तार की योजना की घोषणा की है।
इस संबंध में 5 आईआईटी के लिए अतिरिक्त बुनियादी ढांचा और 6,500 नई सीटें जोड़ी जाएंगी। वित्त मंत्री ने कहा कि आईआईटी पटना छात्रावास और बुनियादी ढांचा क्षमता बढ़ाएगा।
बिहार में राष्ट्रीय फूड टेक्नोलॉजी संस्थान शुरू किया जाएगा। इससे पूरे पूर्वी क्षेत्र में खाद्य प्रसंस्करण क्षमताएं मजबूत करने में मदद मिलेगी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जहां एक तरफ किसानों के लिए योजना शुरू करने की घोषणा की तो वहीं दूसरी तरफ MSME क्रेडिट कार्ड धारकों के लिए भी एक बड़ा एलान किया। अपने बजट में वित्त मंत्री ने एलान किया कि MSME क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़कर 10 करोड़ किया जा रहा है यानी अब से इन कार्ड धारकों को 10 करोड़ रुपेय की लिमिट मिलेगी।
वित्त मंत्री ने अपने भाषण के दौरान जानकारी दी कि सूक्ष्म उद्यमों के लिए एमएसएमई क्रेडिट गारंटी कवर को 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 10 करोड़ रुपये किया जाएगा। वहीं, इससे अगले पांच वर्षों में अतिरिक्त डेढ़ लाख करोड़ रुपये का क्रेडिट मिलेगा। बात अगर एमएसएमई क्रेडिट कार्ड की करें तो ये वो कार्ड है जो सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों के लिए जारी किया जाता है। इस क्रेडिट कार्ड के जरिए एमएसएमई को उनके कारोबार के खर्चों को पूरा करने के लिए आसान भुगतान का जरिया देना है। इस क्रेडिट कार्ड के बारे में ये जान लें कि ये कार्ड यूनियन बैंक ऑफ इंडिया द्वारा भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम यानी एनपीसीआई के सहयोग से पेश किया गया।
वहीं, मौजूदा समय में एक बड़ी संख्या में लोग इस क्रेडिट कार्ड का इस्तेमाल कर रहे हैं। सरकारी स्कूलों में नवाचार को बढ़ाने के लिए ऐसी 50 हजार लैब स्थापित किए जाएंगे। भारतीय भाषा पुस्तक योजना शुरू की जाएगी ताकि भारतीय भाषाओं में शिक्षण को बढ़ावा दिया जा सके। वित्त मंत्री ने बताया कि स्किलिंग के लिए पांच राष्ट्रीय उत्कृष्ट संस्थानों का स्थापना की जाएगी। यह मेक फॉर इंडिया, मेक फॉर द वर्ल्ड के उद्देश्य के तहत किया जाएगा।