जो सड़क पर सेवा कर रहे हैं, वे तनख्वाह के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर : बिक्रम ठाकुर
पूर्व उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ गए हैं और जनता को दिखाए गए 10 गारंटियों के सपने अब केवल झूठ और छलावा बनकर रह गए
कांग्रेस सरकार में विकास ठप, 10 गारंटियाँ ‘फेल’, कर्मचारी बेहाल : भाजपा
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 11-11-2025
पूर्व उद्योग एवं परिवहन मंत्री बिक्रम ठाकुर ने कहा कि हिमाचल प्रदेश में कांग्रेस सरकार के कार्यकाल में विकास कार्य पूरी तरह ठप पड़ गए हैं और जनता को दिखाए गए 10 गारंटियों के सपने अब केवल झूठ और छलावा बनकर रह गए हैं। आज स्थिति यह है कि जो कर्मचारी सड़कों पर जनता की सेवा करते हैं, वही अब अपनी तनख्वाह के लिए सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं।
उन्होंने कहा कि हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) के हजारों कर्मचारी पिछले महीने से वेतन का इंतजार कर रहे हैं। यह स्थिति न केवल शर्मनाक है बल्कि कांग्रेस सरकार की संवेदनहीनता का जीता-जागता प्रमाण है। सरकार के मंत्रियों के लिए गाड़ियाँ, कार्यालयों में विलासिता और प्रचार पर करोड़ों रुपये हैं, परंतु मेहनतकश कर्मचारियों के परिवारों के लिए एक महीने की तनख्वाह तक नहीं।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार की वित्तीय नाकामी का सीधा असर आज निगम के कर्मचारियों और उनके परिवारों पर पड़ रहा है। सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन, मेडिकल बिल और एरियर के लिए दर-दर भटकना पड़ रहा है। मुख्यमंत्री और मंत्री मीडिया में विकास के झूठे दावे कर रहे हैं, जबकि जमीनी हकीकत यह है कि राज्य की वित्तीय हालत चरमराई हुई है और विकास पूरी तरह ठप है।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय एचआरटीसी को आत्मनिर्भर बनाने के लिए कई ठोस कदम उठाए गए थे — बसों के फेरे बढ़ाना, रूटों का पुनर्गठन और डिजिटल सेवाओं का विस्तार जैसे निर्णय लिए गए थे — लेकिन कांग्रेस सरकार ने आते ही इन सबको ठंडे बस्ते में डाल दिया। आज निगम का घाटा बढ़कर 2200 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है और वह ओवरड्राफ्ट व कर्ज़ में डूबा हुआ है।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने एचआरटीसी को राजनीतिक प्रयोगशाला बना दिया है। सरकार की नीतियाँ न केवल कर्मचारियों के हितों के खिलाफ हैं बल्कि उन्होंने हिमाचल के सबसे भरोसेमंद सार्वजनिक परिवहन नेटवर्क को बर्बादी की राह पर डाल दिया है।
उन्होंने कहा कि इलेक्ट्रिक बस योजना कांग्रेस सरकार की एक और विफल परियोजना बन चुकी है। करोड़ों रुपये खर्च कर खरीदी गई बसें आज डिपो में खड़ी-खड़ी जंग खा रही हैं — न कलपुर्ज़े हैं, न मेंटेनेंस की व्यवस्था। यह कांग्रेस सरकार की अदूरदर्शिता और लापरवाही का परिणाम है।
बिक्रम ठाकुर ने कहा कि कांग्रेस सरकार ने प्रदेश के विकास को ठप कर दिया है। न नई परियोजनाएँ शुरू हो रही हैं, न पुरानी योजनाओं को गति मिल रही है। केंद्र सरकार द्वारा भेजे गए विकास और राहत फंड का भी सही उपयोग नहीं किया जा रहा। वहीं, मुख्यमंत्री केवल घोषणाओं और प्रचार में व्यस्त हैं, जबकि कर्मचारी, किसान और आम जनता आर्थिक संकट में डूबे हैं।
पूर्व मंत्री ने कहा कि यह वही सरकार है जो चुनावों के दौरान महिलाओं को ₹1500 महीना, युवाओं को नौकरियाँ, कर्मचारियों को पुरानी पेंशन और हर घर रोजगार जैसी गारंटियाँ देने की बात करती थी, लेकिन तीन साल बाद भी कोई वादा पूरा नहीं हुआ। आज “कांग्रेस की 10 गारंटियाँ” फेल साबित हो चुकी हैं और प्रदेश में विकास रुक चुका है।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस सरकार निजी बस ऑपरेटरों को संरक्षण दे रही है और एचआरटीसी की वॉल्वो बसों को जानबूझकर खड़ा कर रही है। इससे न केवल निगम को नुकसान हो रहा है, बल्कि सरकारी परिवहन प्रणाली को कमजोर करने की साजिश रची जा रही है।
बिक्रम ठाकुर ने सरकार से माँग की कि एचआरटीसी कर्मचारियों की लंबित तनख्वाहें तुरंत जारी की जाएं।
सेवानिवृत्त कर्मचारियों की पेंशन, ग्रेच्युटी और मेडिकल बिलों का भुगतान प्राथमिकता से किया जाए। निगम की वित्तीय स्थिति पर श्वेत पत्र जारी किया जाए, ताकि जनता सच्चाई जान सके।
उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार के समय जो संस्थागत सुधार और विकास की गति शुरू हुई थी, कांग्रेस ने उसे रोक दिया। आज प्रदेश में विकास ठप, गारंटियाँ ठप और कर्मचारी निराश हैं। जनता अब कांग्रेस की हकीकत जान चुकी है जो दूसरों को उनके घर पहुँचाते हैं, वे आज अपने घर का चूल्हा जलाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं।
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