प्रदेश के किसानों की फसलों की पैदावार बढ़ाने में हरड़ के पौधे से तैयार नैनो जिंक करेगा मदद
हिमाचल प्रदेश के किसानों की फसलों की पैदावार बढ़ाने में हरड़ के पौधे से तैयार नैनो जिंक मदद करेगा। यह नैनो जिंक फसलों में उत्पादन के साथ मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारने के साथ पौधों में पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा करेगा
यंगवार्ता न्यूज़ - कांगड़ा 23-01-2025
हिमाचल प्रदेश के किसानों की फसलों की पैदावार बढ़ाने में हरड़ के पौधे से तैयार नैनो जिंक मदद करेगा। यह नैनो जिंक फसलों में उत्पादन के साथ मिट्टी का स्वास्थ्य सुधारने के साथ पौधों में पोषक तत्वों की कमी को भी पूरा करेगा।
कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर के मृदा विभाग के वैज्ञानिकों ने शोध कर नैनो टेक्नोलॉजी से इस नैनो जिंक को हरड़ के पौधे से तैयार किया है। यह सूक्ष्म तत्वों की कमी को पूरी करेगा।कृषि विवि पालमपुर के मृदा विभाग का नैनो जिंक के लिए हरड़ के पौधे पर चला शोध सफल हो गया है।
समय के मांग पर जिंक नैनोपार्टिकल्स कृषि, चिकित्सा, उत्प्रेरण और इलेक्ट्रॉनिक्स जैसे विभिन्न क्षेत्रों में काफी ध्यान आकर्षित कर रहे हैं। नैनो जिंक का उपयोग उनके अनुप्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण है। हालांकि, इस समय नैनो यूरिया, नैनो डीएपी खाद जैसे कई चीजों इस प्रयोग हो रहा। लेकिन, हरड़़ पर शोध के बाद नैनो जिंक अब किसानों के लिए ओर लाभदायक होगा।
नैनो-जिंक एक आशाजनक दृष्टिकोण है। इसमें पौधों और सूक्ष्मजीवों जैसे जैविक प्रणालियों का उपयोग करके नैनोपार्टिकल्स का उत्पादन किया जाता है। यह विधि लागत प्रभावी, बड़े पैमाने पर उत्पादन और पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ लाभ प्रदान करती है। नैनो जिंक पर्यावरणीय प्रभाव को न्यूनतम करते हुए पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्रदान करने के लिए टिकाऊ और कुशल उर्वरक उत्पादन तकनीकों का विकास करना है।
नैनो-जिंक उर्वरक फसल की पैदावार बढ़ाने, मिट्टी के स्वास्थ्य को सुधारने और बीमारियों की घटनाओं को कम करने में सक्षम हो सकते हैं। कृषि विवि की वरिष्ठ वैज्ञानिक डाॅ. नरेंद्र संख्यान के साथ इस पर डा मंजूला शर्मा और छात्रा निलाक्षी शर्मा की टीम ने हरड़ से नैनो जिंक के शोध में सफलता हासिल की है।
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