सरकार की नाकामी के कारण ही अवैध खनन से पीड़ित लोगों ने खटखटाया हाई कोर्ट का दरवाजा : जयराम ठाकुर
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार में खनन माफिया इस कदर बेलगाम हो गए हैं कि उनके सामने प्रशासन और मंत्री भी बेबस नजर आ रहे हैं। सरकार की नाकामी के कारण ही अवैध खनन से पीड़ित लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-01-2025
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि सुक्खू सरकार में खनन माफिया इस कदर बेलगाम हो गए हैं कि उनके सामने प्रशासन और मंत्री भी बेबस नजर आ रहे हैं। सरकार की नाकामी के कारण ही अवैध खनन से पीड़ित लोगों ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है।
खनन माफियाओं के इस तांडव से यह स्पष्ट है कि सरकार का जोर खनन माफियाओं पर चल नहीं रहा है या सरकार को उन्हें खुला संरक्षण है। जयराम ठाकुर ने कहा कि आखिर यह संरक्षण किसका है कि प्रदेश के उप मुख्यमंत्री को भी प्रशासन के सामने गुहार लगाते देखा जा रहा है। जो बातें सरकार में बैठे नेताओं को विभागीय मीटिंगों में कड़े शब्दों में कहनी चाहिए वह बातें आम जनसभा के मंचों से कहानी पड़ रही है।
क्या तालमेल का अभाव इस कदर है कि जो बातें मंत्री के रूप में अधिकारियों को आदेशित करनी चाहिए वह बातें जनसभा के माध्यम से उन तक पहुंचानी पड़ रही है। या इस तरह से अपनी बात अधिकारियों से कहना उनसे खनन रोकने के लिए गुहार लगाना और खनन रोकने के लिए धमकाना मंत्रियों की अपनी बेबसी है कि उनकी भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है?
जयराम ठाकुर ने कहा कि उपमुख्यमंत्री के अपने जिले में हो रहे खनन को लेकर लोगों द्वारा जनहित याचिका दायर करनी पड़ी है। जिस पर माननीय न्यायालय द्वारा खड़ा संज्ञान लेकर सरकार को नोटिस भी जारी किया गया है। जब खनन माफियाओं के खिलाफ प्रशासन सुनवाई नहीं करेगा तो आम आदमी के पास न्यायालय के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता है।
लेकिन यह सरकार की नाकामी है, सरकार से लोगों का भरोसा उठ जाने का प्रतीक है। जब किसी भी अवैध कारगुज़ारी पर प्रशासन मौन होता है तो यह साफ है कि उसे संरक्षण शासन से मिल रहा होता है? ऐसे में सवाल उठता है कि ऐसे खनन माफियाओं को किसका संरक्षण है कि उसके आगे प्रदेश का उप मुख्यमंत्री भी बेबस हैं और प्रदेश के लोगों को न्यायालय की शरण लेनी पड़ रही है।
नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने कहा कि एक तरफ पूरे देश में ह्यूमन मेटान्यूमो वायरस (एचएमपीवी) के संभावित खतरों से निपटने के लिए अलर्ट मोड पर है तो दूसरी तरफ हिमाचल की व्यवस्था परिवर्तन वाली बड़बोली सरकार ऑक्सीजन पीएसए प्लांट चलने वाले कर्मियों को ही नौकरी से निकाल दिया है। यह वही लोग हैं जो हर साल 1 लाख युवाओं को नौकरी देने के नाम पर सत्ता में आए थे और आज हर दिन लोगों को नौकरी से निकालने के लिए सुर्खियां बटोर रहे हैं।
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