हिमाचल के मंदिरों में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए बनेगी राज्यव्यापी नीति : उपमुख्यमंत्री
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को कहा कि राज्य में डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से सरकारी सेवाओं को अधिक सुगम और प्रभावी बनाया जाएगा
यंगवार्ता न्यूज़ - ऊना 01-10-2024
उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने मंगलवार को कहा कि राज्य में डिजिटल प्रौद्योगिकी के व्यापक उपयोग से सरकारी सेवाओं को अधिक सुगम और प्रभावी बनाया जाएगा। उन्होंने डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से मंदिरों में दर्शन, दान और अन्य सेवाओं की व्यवस्था को सशक्त बनाने के लिए एक राज्यव्यापी नीति तैयार करने के निर्देश दिए।
उपमुख्यमंत्री मंगलवार को ऊना के पालकवाह स्थित कौशल विकास केंद्र के सभागार में डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के सम्मेलन का शुभारंभ करते हुए बोल रहे थे। यह एक दिवसीय सम्मेलन डिजिटल प्रौद्योगिकी के माध्यम से रोजगार सृजन तथा तकनीक को लोगों के करीब लाने और प्रदेश में सार्वजनिक सेवाओं में व्यापक सुधार व उनकी पहुंच बढ़ाने पर केंद्रित था। इसमें नागरिक-केंद्रित डिजिटल एप्लिकेशनों और उभरती तकनीकों को समझने तथा समग्र विकास में उनके उपयोग को लेकर विस्तारपूर्वक चर्चा की गई।
शुभारंभ सत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के सचिव डॉ. अभिषेक जैन, आईआईआई ऊना के निदेशक प्रो. मनीष गौर, बजाज फाइनेंस के मुख्य सूचना एवं तकनीकी अधिकारी अनुराग जैन, डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के निदेशक डॉ. निपुण जिंदल, उपायुक्त जतिन लाल,डिजिटल प्रौद्योगिकी एवं गवर्नेंस विभाग के अतिरिक्त निदेशक राजीव कुमार, संयुक्त निदेशक अनिल सेमवाल सहित विभाग के अन्य अधिकारी, सूचना प्रौद्योगिकी क्षेत्र के विशेषज्ञ, हरोली इंडस्ट्रियल एसोसिएशन के अध्यक्ष राजेश कौशल सहित विभिन्न पंचायतों के प्रतिनिधियों, विभिन्न विभागों के अधिकारियों, उद्यमियों, शिक्षण संस्थानों के बच्चों, लोक मित्र केंद्रों के संचालकों समेत अन्य लोगों ने भाग लिया।
मुकेश अग्निहोत्री ने डिजिटल प्रौद्योगिकी के विशेषज्ञों से आग्रह किया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि तकनीक का लाभ आम लोगों तक पहुंचे और उनके जीवन को सरल बनाने में योगदान दे। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति की सार्थकता तभी है जब यह सार्वजनिक सेवाओं को सुलभ बनाते हुए लोगों के जीवन में आसानी लाए।
उपमुख्यमंत्री ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं के विस्तार के लिए लोकमित्र केंद्रों की भूमिका को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि जिन क्षेत्रों में लोकमित्र केंद्र अभी स्थापित नहीं किए गए हैं, वहां इन्हें स्थापित करने पर ध्यान दिया जाना चाहिए ताकि ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी इन सेवाओं का लाभ उठा सकें।
उन्होंने बताया कि एचआरटीसी में डिजिटल प्रौद्योगिकी के उपयोग को बढ़ावा देते हुए कैशलेस यात्रा की सेवा शुरू की गई है। इसके जरिए यात्री अब ऑनलाइन एप्लीकेशन का उपयोग कर किराये का भुगतान कर सकते हैं।
वहीं, डिजिटल प्रौद्योगिकियों के माध्यम से आय सृजन और स्वरोजगार को बढ़ावा देने के विषय पर आयोजित सत्र में, बजाज फाइनेंस के मुख्य सूचना एवं प्रौद्योगिकी अधिकारी अनुराग जैन, संयुक्त निदेशक उद्योग अंशुल धीमान, ब्लॉक उद्योग संघ हरोली के अध्यक्ष राकेश कौशल, हिम्पा फूड के प्रबंध निदेशक रोहित शर्मा, और बायोजेंटा फार्मा के प्रबंध निदेशक दीप कुमार ने अपने विचार साझा किए। इस सत्र में उद्यमशीलता और स्वरोजगार के लिए डिजिटल प्लेटफार्मों के महत्व पर गहन चर्चा हुई।
तीसरे सत्र में डिजिटल साक्षरता को लेकर चर्चा की गई। इसमें एनआईटी हमीरपुर के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. नवीन चौहान, आईआईटी रोपड़ के सहायक प्राध्यापक डॉ. शशि शेखर झा, ट्रिपल आईटी ऊना के सहायक प्रोफेसर डॉ. विक्रम कुमार, और पीएचडी स्कॉलर कुमारी मेहक और कुमारी श्वेता वर्मा ने अपने विचार साझा किए। इस सत्र का मुख्य उद्देश्य डिजिटल साक्षरता के महत्व को समझाना और आम नागरिकों को इसका लाभ कैसे मिल सकता है, इस पर चर्चा करना था।
कृत्रिम बुद्धिमत्ता और शासन में इसके अनुप्रयोग पर आयोजित चौथे व अंतिम सत्र में, एनआईटी जालंधर की सहायक प्रोफेसर डॉ. जसपाल कौर, वाधवानी फाउंडेशन के कार्यकारी उपाध्यक्ष सुनील दहिया, ट्रिपल आईटी ऊना के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रिंस शर्मा, और एनआईटी हमीरपुर के सहायक प्रोफेसर डॉ. मोहित कुमार ने अपने अनुभव और अंतर्दृष्टि साझा की।
उन्होंने बताया कि किस प्रकार आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस प्रशासनिक प्रक्रियाओं को सरल और अधिक प्रभावी बना सकता है। इस सम्मेलन में विभिन्न संवाद सत्रों के माध्यम से डिजिटल प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में हो रहे विकास, चुनौतियों और भविष्य की संभावनाओं पर व्यापक चर्चा हुई, जिससे सभी प्रतिभागियों को महत्वपूर्ण जानकारी और मार्गदर्शन प्राप्त हुआ।
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