प्रदेश सरकार की जॉब ट्रेनी पॉलिसी के विरोध एबीवीपी ने नाहन में फूंका मुख्यमंत्री का पुतला 

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही जॉब ट्रेनी पॉलिसी के खिलाफ जिला मुख्यालय नाहन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का पुतला जलाया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मीडिया से बात करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राज्य सह मंत्री मनीष बिरकांटा ने बताया कि आज स्टेट कॉल पर जिला मुख्यालय नाहन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा जॉब ट्रेनी पॉलिसी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया

Jul 21, 2025 - 19:58
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प्रदेश सरकार की जॉब ट्रेनी पॉलिसी के विरोध एबीवीपी ने नाहन में फूंका मुख्यमंत्री का पुतला 

यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन  21-07-2025
हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही जॉब ट्रेनी पॉलिसी के खिलाफ जिला मुख्यालय नाहन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू का पुतला जलाया और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। मीडिया से बात करते हुए अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के राज्य सह मंत्री मनीष बिरकांटा ने बताया कि आज स्टेट कॉल पर जिला मुख्यालय नाहन में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा जॉब ट्रेनी पॉलिसी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया गया। 
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा लागू की जा रही इस पॉलिसी के मुताबिक युवाओं को परीक्षा पास करने के बावजूद 2 वर्ष तक ट्रेनी के तौर पर कार्य करना पड़ेगा और उसके बाद फिर से परीक्षा पास करनी होगी। उसके बाद ही उन्हें नियमित किया जाएगा। एबीवीपी का कहना है कि यह युवाओं के साथ धोखा है। उनका कहना है कि एक तरफ प्रदेश सरकार वर्ष में एक लाख युवाओं को रोजगार देने की बात करती है दूसरी तरफ इस तरह की धोखाधड़ी युवाओं के साथ की जा रही है जो बर्दाश्त नहीं की जाएगी। प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की एक वीडियो वायरल हुई थी जिसमें उन्होंने प्रदेश के युवाओं को 58 वर्ष तक की पक्की नौकरी देने की बात कही थी। 
मगर यह नौकरी केवल उपमुख्यमंत्री की बेटी को मिली जबकि प्रदेश के हजारों युवा अपने आप को ठगा सा महसूस कर रहे हैं। हिमाचल प्रदेश सरकार ने हाल ही में जॉब ट्रेनी पॉलिसी लागू की है, जिसके तहत सरकारी विभागों, बोर्डों और निगमों में ग्रुप ए, बी और सी के पदों पर भर्ती के लिए नए नियम बनाए गए हैं। इस पॉलिसी के तहत चयनित उम्मीदवारों को पहले दो साल तक जॉब ट्रेनी के रूप में रखा जाएगा, जो इस दौरान तय मासिक राशि प्राप्त करेंगे, लेकिन उन्हें सरकारी कर्मचारी का दर्जा नहीं मिलेगा।

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