एमएसपी की गारंटी से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मिल रहा बल,खेती पर कम लागत से उत्पादों को मिल रहे अच्छे दाम
हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और बागवानी पर निर्भर है। राज्य की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत खेती, बागवानी, पशुपालन तथा वानिकी

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-07-2025
हिमाचल प्रदेश की ग्रामीण अर्थव्यवस्था मुख्यतः कृषि और बागवानी पर निर्भर है। राज्य की बड़ी आबादी ग्रामीण क्षेत्रों में निवास करती है और उनकी आजीविका का प्रमुख स्रोत खेती, बागवानी, पशुपालन तथा वानिकी है। प्रदेश की लगभग दो तिहाई जनसंख्या प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से कृषि से जुड़ी है जो राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती प्रदान करती है।
ग्रामीण अर्थव्यवस्था के सुदृढ़ीकरण के लिए प्रदेश सरकार द्वारा अनेकों योजनाओं का कार्यन्वयन किया जा रहा है जिनका प्रदेश के दूरदराज क्षेत्र तक के लोगों को लाभ मिल रहा है। हिमाचल प्रदेश में प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देने के साथ-साथ सरकार ने किसानों को आर्थिक सुरक्षा प्रदान करने के लिए प्राकृतिक उत्पादों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) तय करने की दिशा में भी महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं।
देश में हिमाचल प्रदेश ने यह पहल शुरू की है, जो प्राकृतिक खेती अपनाने वाले किसानों को आर्थिक लाभ सुनिश्चित करती है। खेती की लागत को कम करने, आय एवं उत्पादकता को बढ़ाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए प्रदेश सरकार प्राकृतिक खेती को बढ़ावा दे रही है। प्राकृतिक खेती से जहां मानव और पर्यावरण को रासायनिक खेती के दुष्प्रभावों से बचाया जा रहा है।
वहीं खेती की लागत कम होने से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को बल मिल रहा है। प्राकृतिक खेती से किसान-बागवानों की बाजार पर निर्भरता खत्म हो रही है और वह अपने आसपास उपलब्ध संसाधनों का भरपूर प्रयोग खेती में कर रहे हैं। प्रदेश में गेहूं, मक्का, जौ और हल्दी खरीद पर सरकार ने न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया है। राज्य में प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए मक्का पर देश में सबसे अधिक न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान किया जा रहा है।
वित्त वर्ष 2025-2026 के लिए प्राकृतिक खेती के माध्यम से उगाए गए मक्का के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य को 30 रुपए से बढ़ाकर 40 रुपए तथा गेहूँ को 40 रुपए से बढ़ाकर 60 रुपए प्रति किलो किया गया है। इसके अतिरिक्त, कच्ची हल्दी की खरीद के लिए 90 रुपए प्रति किलो न्यूनतम समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है।
मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू की इस अभिनव पहल का उद्देश्य प्राकृतिक रूप से उगाए गए कृषि उत्पादों को एमएसपी प्रदान कर ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत करना है। प्रदेश में दी जाने वाली एमएसपी देश में सर्वाधिक है। हिमाचल प्रदेश में किसानों को सशक्त और ग्रामीण आर्थिकी को सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना के सार्थक परिणाम सामने आ रहे हैं।
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