महत्त्वपूर्ण पहल : साइबर क्राइम से निपटने को 38 पुलिस जवानों को साइबर कमांडो के रूप में ट्रेनिंग देने के लिए चुना
प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने को साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम के लगातार बढ़ रहे मामलों ने पुलिस के साथ-साथ लोगों के भी होश उड़ा रखे हैं।ऐसे शातिर ठगों से निपटने में पुलिस की ओर से भरसक प्रयास तो किए जा रहे

यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला 13-07-2025
प्रदेश में साइबर क्राइम से निपटने को साइबर कमांडो तैयार किए जा रहे हैं। हिमाचल प्रदेश में साइबर क्राइम के लगातार बढ़ रहे मामलों ने पुलिस के साथ-साथ लोगों के भी होश उड़ा रखे हैं।ऐसे शातिर ठगों से निपटने में पुलिस की ओर से भरसक प्रयास तो किए जा रहे हैं, लेकिन बहुत हद तक कामयाबी नहीं मिल रही है।
केंद्र सरकार के गृह मंत्रालय की ओर से ही साइबर अपराधियों से निपटने के लिए साइबर कमांडो ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाए जा रहे हैं। इनमें साइबर अपराध से जुड़ी बारिकियों के साथ इससे निपटने के विभिन्न तरीकों की तकनीकी जानकारी दी जा रही है। हिमाचल प्रदेश के 38 पुलिस जवानों को साइबर कमांडो के रूप में ट्रेनिंग देने के लिए चुना गया है।
इन 38 जवानों में कमलेश, मुनीष कुमार, अक्षय गुप्ता, अजय कुमार, हरि ओम, ओंकार सिंह, पंकज कुमार, कार्तिक वालिया, अरविंद कुमार, अमित भारद्वाज, विशाल शर्मा, संजय कुमार, शुभम भंडारी, अशिष कुमार, अभिषेक कपूर, अश्वनी ठाकुर, जय सूर्याकांत परिहार, पुनीत कुमार, हरीश नायक, मोनिका कुमारी, संदीप श्याम, अशीष पठानिया, पूजा कश्यप, संजू कुमार, दीक्षित शर्मा, मयंत ठाकुर, करणदेव चौहान, सुमित सिंह, पंकज कुमार वर्मा, अशीष, मनु शर्मा, राम शर्मा, मधु शर्मा, अकाश ठाकुर, शशांक, शुभम चौहान व रोहित गुलेरिया शामिल हैं।
इन्हें इनकी विशेषज्ञता के आधार पर भारतीय साइबर अपराध समन्वय केंद्र द्वारा चुना गया है। साइबर कमांडो की ट्रेनिंग छह माह तक दी जाएगी। ट्रेनिंग आईआईटी मद्रास, राष्ट्रीय रक्षा यूनिवर्सिटी गांधीनगर और नेशनल फोरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी दिल्ली जैसे प्रतिष्ठित संस्थानों में होगी। डीआईजी साइबर क्राइम मोहित चावला ने बताया कि साइबर कमांडो ट्रेनिंग गृह मंत्रालय की एक पहल के तहत दी जा रही है।
इस ट्रेनिंग का मकसद पुलिस अधिकारियों व कर्मियों को सिस्टम फोरेंसिक, साइबर अपराध का पता लगाने और रोकथाम तकनीकों में आवश्यक कौशल से लैस करना है। साइबर खतरे लगातार बढ़ रहे हैं, इसलिए संवेदनशील डाटा की सुरक्षा व आनलाइन धोखाधड़ी से निपटने में यह पहल बेहद महत्त्वपूर्ण है
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