गेहूं की फसल में पीला रतुआ बीमारी आने के प्रति सचेत रहें किसान, कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर ने जारी की एडवाइजरी
चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर प्रसार शिक्षा निदेशालय ने जनवरी 2025 महीने के प्रथम पखवाड़े में किये जाने वाले कृषि एवं पशुपालन कार्यों से संबंधित मार्गदर्शिका जा रही है जो किसानों के लिए लाभप्रद साबित होगी
यंगवार्ता न्यूज़ - पालमपुर 04-01-2025
चौधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर प्रसार शिक्षा निदेशालय ने जनवरी 2025 महीने के प्रथम पखवाड़े में किये जाने वाले कृषि एवं पशुपालन कार्यों से संबंधित मार्गदर्शिका जा रही है जो किसानों के लिए लाभप्रद साबित होगी।
गेहूँ की फसल में खरपतवारों पर 2-3 पत्तियां आ गई हो तो इस अवस्था में दोनों प्रकार के खरपतवार नियंत्रण के लिए वेस्टा (मेटसल्फयूरॉन मिथाईल 20 डव्ल्यू पी. + क्लोडिनाफाॉप प्रोपार्जिल 15 डव्ल्यू पी.) 16 ग्राम प्रति 30 लीटर पानी के हिसाब से खेतों में छिड़काव करें।
केवल चौड़ी पत्ती वाले खरपतवार नियंत्रण के लिए 2,4-डी की 50 ग्राम मात्रा को 30 लीटर पानी में घोल बनाकर छिड़काव करें। छिड़काव के लिए फ्लैट फैन नोजल इस्तेमाल करें। गेहूँ के साथ चौड़ी पत्ती वाली फसल की खेती की गयी हो तो 2,4-डी का प्रयोग न करें।
गेहूँ की फसल में पीला रतुआ बीमारी आने के प्रति भी सचेत रहें। इस रोग में गेहूँ के पत्तों पर पीले रंग के छोटे-2 दाने सीधे धारिओं में प्रकट होते है व दूसरी ओर पत्तों में धारीदार पीलापन दिखाई देता है। बीमारी के जल्दी प्रकट हाने पर पौधे बौने रह जाते हैं व पैदावार पर प्रतिकूल असर पड़ता है। यदि मौसम ठण्डा व नम रहे व थोड़ी वर्षा हो जाए तो यह रोग महामारी का रूप धारण कर सकता है।
किसान भाईयों एवं पशु पालकों से अनुरोध है कि अपने क्षेत्रों की भौगोलिक तथा पर्यावरण परिस्थितियों के अनुसार अधिक एवं अतिविशिष्ठ जानकारी हेतू कृषि विज्ञान केन्द्र, सिरमौर से 01704257462 पर सम्पर्क करें। अधिक जानकारी के लिए कृषि विश्वविद्यालय, पालमपुर के कृषि तकनीकी सूचना केन्द्र 01894-230395 /1800-180 -1551 से भी सम्पर्क कर सकते हैं ।
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