यंगवार्ता न्यूज़ - नाहन 12-09-2025
शिमला संसदीय क्षेत्र के भाजपा सांसद सुरेश कश्यप ने प्राकृतिक आपदा से जूझ रहे हिमाचल प्रदेश को 1500 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा के लिए प्रधानमंत्री का आभार जताया है। साथ ही कहा है कि प्रधानमंत्री हमेशा ही हिमाचल के हितों को लेकर गंभीर रहे है। सुरेश कश्यप जिला मुख्यालय नाहन में आज पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे। सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल का दर्द समझते हुए प्रधानमंत्री खुद हिमाचल पहुंचे और आपदा प्रभावित इलाकों का हवाई सर्वेक्षण कर प्रदेश के लिए 1500 करोड़ की आर्थिक पैकेज की घोषणा करते हुए हिमाचल के लोगों का दर्द समझा है। उन्होंने प्रदेश सरकार से अपील करते हुए कहा कि केंद्र द्वारा दी गई मदद को पात्र लोगों तक पहुंचाया जाए। वहीं उन्होंने यह भी कहा कि साल 2023 में आई आपदा के दौरान भी केंद्र सरकार की तरफ से करोड़ों रुपए की मदद की गई थी और अभी तक 2023 से लेकर करीब 5 हजार करोड़ से अधिक की मदद केंद्र सरकार हिमाचल को दे चुकी है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लगातार नुकसान के आकलन के लिए लगातार कई टीमें हिमाचल भेजी जा रही है। साथ इस बात का पता लगाने के लिए भी कोशिश की जा रही है कि हिमाचल में लगातार बढ़ रही प्राकृतिक आपदाओं के पीछे क्या कारण है। सुरेश कश्यप ने यह भी कहा कि आपदा प्रभावितों की मदद के लिए प्रदेश में जहां भारतीय जनता पार्टी के नेता व कार्यकर्ता गंभीर है वहीं भाजपा शासित राज्यों के कई मुख्यमंत्रियों ने हिमाचल को न केवल आपदा राहत सामग्री भेजने बल्कि 5 - 5 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद भी प्रदेश को की है। सुरेश कश्यप ने कहा कि हिमाचल में आपदा के बाद पैदा हुई स्थिति को संभालने में प्रदेश की सरकार नाकाम रही है। हिमाचल प्रदेश में आज किसान बागवान पूरी तरह परेशान है , क्योंकि किसानों की फसलें सड़कों की बहाली ना होने के चलते खेतों में ही सड़ने लगी है कई मुख्य सड़के भी बदहाली के दौर से गुजर रही है।
उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार को तेज गति से आप राहत कार्य को आगे बढ़ना चाहिए।उन्होंने कहा कि आज से पहले आपदा के लिए विभिन्न मदों में 5125 करोड़ की राशि हिमाचल प्रदेश के खातों में आ चुकी है और इसकी अतिरिक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं धर्मशाला से 1500 करोड़ देने की और घोषणा की है। अगर इसका जोड़ लगाया जाए तो कल 6625 करोड़ की राशि हिमाचल प्रदेश को केवल आपदा के लिए मिली है। सहायता यही नहीं रुकती लगभग 3000 करोड़ का शोध संस्थान भी हिमाचल प्रदेश को केंद्र द्वारा विश्व बैंक फंडेड प्रोजेक्ट स्वीकृत किया गया है जिससे हिमाचल प्रदेश में ऐसी आपदा क्यों आ रही है। उसके ऊपर शोध किया जाएगा। केंद्र की मदद 10000 करोड़ से अधिक, सही प्रकार से खर्च करें कांग्रेस सरकार। उन्होंने कहा कि अगर गणना लगाई जाए तो हिमाचल प्रदेश को प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत एक लाख मकान स्वीकृत किए गए हैं और प्रधानमंत्री ने इन मकानों को बनाने की गति को तेज करने के निर्देश भी दिए हैं।
एक लाख करोड़ से अधिक के नेशनल हाईवे के काम, बीआरओ की सड़के और फोरलेन नेशनल हाईवे के काम अतिरिक्त चल रहे हैं। यानी केंद्र द्वारा हिमाचल प्रदेश के लिए किसी भी प्रकार की कमी नहीं रखी गई है। उन्होंने कहा कि अन्य राज्य जैसे उत्तर प्रदेश , हरियाणा , त्रिपुरा और असम से भी पांच-पांच करोड़ की मदद हिमाचल प्रदेश को भेजी गई है। साथ ही हिमाचल प्रदेश को राहत सामग्री के काम से कम 50 से अधिक ट्रक भी भेजी गई है। हिमाचल प्रदेश के साथ केंद्र सरकार तो कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी ही है, साथ ही जिन राज्यों में भाजपा की सरकार है वह भी हिमाचल प्रदेश के साथ कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी है।
उन्होंने कहा कि वर्ष 2025 में आई आपदा से प्रदेश के 559 शिक्षण संस्थान क्षतिग्रस्त हुए जिसकी अनुमानित लागत 31.38 करोड़ आंकी गई है,जिसमें से शिक्षा विभाग द्वारा 109 स्कूलों को 16 करोड़ की धनराशि जारी की जा चुकी है तथा अब तक शून्य धनराशि व्यय की गई है। इसी प्रकार सिरमौर जिला के भी 7, शिमला 45 और सोलन में 4 शिक्षण संस्थान क्षतिग्रस्त हुए है सरकार ने इस बारे में क्या किया है उसका पूरा लेखा-जोखा जनता के सामने रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि हम सरकार से मांग करते हैं कि प्रदेश सरकार जितनी भी सहायता राशि केंद्र से आ रही है उसे अच्छे प्रकार से खर्च करें जिसमें भाई भतीजावाद नहीं होना चाहिए।