हिमाचल में पहली बार पड़े छत्रधारी चालदा महासू महाराज के पांव , एक वर्ष के लिए पश्मी में होंगे विराजमान
हजारों लोगों की आस्था का केंद्र छात्रधारी चालदा महासू महाराज उत्तराखंड से हिमाचल में पहुंचने के बाद आज द्राबिल से पशमी को निकले जहाँ विराजमान हो जाएंगे । शनिवार को चालदा महाराज उत्तरांचल के दसऊ से हिमाचल पहुंचे
प्रदेश की सीमा पर मिनस में उद्योग मंत्री हर्षवर्धन ने किया स्वागत
सदियों का इंतजार हुआ खत्म , गत रात्रि 3 बजे पहुँचे द्रबिल
रविवार को द्राविल से हुए रवाना , रात्रि तीन बजे पहुंचेगे पश्मी
छत्रधारी की यात्रा में शामिल हुए हजारों लोग
रमेश पहाड़िया - नाहन 14-12-2025
हजारों लोगों की आस्था का केंद्र छात्रधारी चालदा महासू महाराज उत्तराखंड से हिमाचल में पहुंचने के बाद आज द्राबिल से पशमी को निकले जहाँ विराजमान हो जाएंगे । शनिवार को चालदा महाराज उत्तरांचल के दसऊ से हिमाचल पहुंचे । जहां हिमाचल की सीमा पर मिनस में हजारों लोगों के साथ उद्योग मंत्री हर्षवर्धन चौहान और नाहन के विधायक अजय सोलंकी ने छत्रधारी चालदा महाराज का स्वागत किया।
महाराज तड़के करीब 3:30 बजे द्रबिल पहुंचे । जहां उन्होंने अपनी बागड़ी में विश्राम किया। रविवार को दोपहर की पूजा अर्चना के बाद छत्रधारी चालदा महाराज पश्मी के लिए रवाना हुए। पश्मी में तड़के 3:00 बजे पहुंचेंगे । इसके बाद एक वर्ष के लिए छत्रधारी चालदा महासू महाराज पश्मी में विराजमान रहेंगे ।उसके बाद एक वर्ष के पश्चात चालदा महासू महाराज का अगला स्थान कौन सा होगा यह अभो निर्धारित नहीं है।
बताते हैं कि महाराज किसी भी स्थान पर विराजमान होने से पहले देव चिन्ह स्वरूप चालदा महासू महाराज का बकरा जाता है। उसके बाद ही अगला पड़ाव तय होता है। आपको बता दें कि कोविड के दौरान महाराज का बकरा पश्मी पहुंचा था इसके बाद पशमी में चालदा महासू महाराज के आगमन की तैयारी आरंभ हुई और मंदिर का निर्माण भी किया गया।
सदियों बाद शनिवार को छत्रधारी चालदा महासू महाराज देवभूमि हिमाचल पहुंचे । जहां उनका पहला पड़ाव द्रबिल था और आज दूसरे पड़ाव में वह पशमी
में विराजमान होंगे । पशमी में चालदा महाराज करीब एक वर्ष तक रहेंगे । इस दौरान चालदा महासू महाराज के साथ हजारों लोगों की भीड़ देखने को मिली ।
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