शिक्षा ही प्रगति का आधार , आज ग्रहण किया गया एक विचार कल को बदलने वाला नवाचार बन सकता है : विक्रमादित्य सिंह

लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिक्षा प्रगति का आधार है। यह वह प्रकाश है जो अज्ञानता को दूर व दृष्टि को तीक्ष्ण करता है और वह कुंजी है जो असीम संभावनाओं को खोलती है। पढ़ने, तर्क करने और खोज करने के माध्यम से, युवा मन बुद्धिमानी से प्रश्न करना, साहसपूर्वक समाधान करना और असीमित सपने देखना सीखते हैं

Nov 8, 2025 - 12:03
Nov 8, 2025 - 12:19
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शिक्षा ही प्रगति का आधार , आज ग्रहण किया गया एक विचार कल को बदलने वाला नवाचार बन सकता है : विक्रमादित्य सिंह
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  08-11-2025
लोक निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री विक्रमादित्य सिंह ने कहा कि शिक्षा प्रगति का आधार है। यह वह प्रकाश है जो अज्ञानता को दूर व दृष्टि को तीक्ष्ण करता है और वह कुंजी है जो असीम संभावनाओं को खोलती है। पढ़ने, तर्क करने और खोज करने के माध्यम से, युवा मन बुद्धिमानी से प्रश्न करना, साहसपूर्वक समाधान करना और असीमित सपने देखना सीखते हैं। उन्होंने कहा कि आज ग्रहण किया गया एक विचार कल को बदलने वाला नवाचार बन सकता है। विक्रमादित्य सिंह आज यहां लोरेटो कॉन्वेंट तारा हॉल के जूनियर स्कूल में आयोजित वार्षिक कॉन्सर्ट “मटिल्डा” में बतौर मुख्यातिथि अपने विचार साझा कर रहे थे। इस दौरान उनकी धर्मपत्नी डॉ अमरीन कौर भी विशेष रूप से उपस्थित रही। 
उन्होंने कहा कि सीखना केवल पाठ्यपुस्तकों तक ही सीमित नहीं है। पाठ्येतर गतिविधियां जैसे मंच , मैदान , कैनवास , राग , वो चीजें हैं जहाँ जुनून और उद्देश्य मिलते हैं। यह लचीलापन विकसित करती हैं, सहयोग को बढ़ावा देती हैं और प्रत्येक बच्चे के भीतर की अनूठी चिंगारी को उजागर करती हैं। उन्होंने कहा कि आज की शाम का प्रदर्शन इसका जीता जागता सबूत है। छात्रों द्वारा याद की गई हर पंक्ति, अभ्यास किया गया हर कदम, सावधानी से रखा गया हर प्रॉप अनुशासन, कल्पनाशीलता और दर्शकों के सामने खड़े होकर चमकने के साहस को दर्शाता है। उन्होंने छात्रों को उद्देश्यपूर्ण अध्ययन करने, आनंद से खेलने और गरिमा के साथ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। जिज्ञासा को अपना दिशा सूचक और दयालुता को अपनी शक्ति बनाएँ। 
उन्होंने कहा कि छात्रों का हर प्रयास एक सुनियोजित जीवन की नींव रखता है, चाहे किसी अवधारणा में महारत हासिल करना हो या किसी भूमिका को निखारना। इस अवसर पर नन्हे कलाकारों ने रोआल्ड डॉल की प्रसिद्ध कहानी “मटिल्डा” पर आधारित नाटक का प्रभावशाली मंचन किया, जिसमें दूसरी से पांचवी कक्षा के 543 छात्रों ने भाग लिया। बच्चों ने अपनी बेहतरीन अभिनय क्षमता, आत्मविश्वास और संवाद अदायगी से दर्शकों का मन मोह लिया। 
आकर्षक नृत्य-प्रस्तुतियों और समूहगान ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिए तथा उपस्थित अभिभावकों, अतिथियों और शिक्षकों से खूब सराहना प्राप्त की। कार्यक्रम का ग्रैंड फिनाले ऊर्जा से भरपूर समूह नृत्य के साथ हुआ। विद्यालय की प्रधानाचार्या रितु शर्मा ने धन्यवाद सम्बोधन प्रस्तुत किया और स्कूल की गतिविधियों से मुख्यातिथि को अवगत करवाया। इस दौरान अन्य गणमान्य अतिथियों ने भी समारोह में अपनी उपस्थिति दर्ज की। 

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