केंद्र सरकार हिमाचल में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं का कराए विस्तृत ऑडिट , एनएचएम में गंभीर अनियमितताएँ : अनुराग सिंह ठाकुर

पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज संसद में नियम 377 के अन्तर्गत उठाये अपने प्रश्न में हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) निधियों के कुप्रबंधन व इसी विषय में हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा 2024-25 के लिए आवंटित 521 करोड़ रुपये के उपयोग में राज्य सरकार की गंभीर अनियमितताओं की ओर सदन का ध्यानाकर्षण किया। लोकसभा में अपने प्रश्न में अनुराग सिंह ठाकुर ने सवाल खड़ा किया कि हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( एनएचएम ) निधियों का एक चिंताजनक कुप्रबंधन हाल ही में प्रकाश में आया है

Aug 7, 2025 - 18:34
Aug 7, 2025 - 18:49
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केंद्र सरकार हिमाचल में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं का कराए विस्तृत ऑडिट , एनएचएम में गंभीर अनियमितताएँ : अनुराग सिंह ठाकुर
यंगवार्ता न्यूज़ - शिमला  07-08-2025
पूर्व केंद्रीय मंत्री व हमीरपुर लोकसभा क्षेत्र से सांसद अनुराग सिंह ठाकुर ने आज संसद में नियम 377 के अन्तर्गत उठाये अपने प्रश्न में हिमाचल प्रदेश की कांग्रेस सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) निधियों के कुप्रबंधन व इसी विषय में हिमाचल उच्च न्यायालय द्वारा 2024-25 के लिए आवंटित 521 करोड़ रुपये के उपयोग में राज्य सरकार की गंभीर अनियमितताओं की ओर सदन का ध्यानाकर्षण किया। लोकसभा में अपने प्रश्न में अनुराग सिंह ठाकुर ने सवाल खड़ा किया कि हिमाचल प्रदेश में राज्य सरकार द्वारा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन ( एनएचएम ) निधियों का एक चिंताजनक कुप्रबंधन हाल ही में प्रकाश में आया है। 
हिमाचल उच्च न्यायालय ने 2024-25 के लिए आवंटित 521 करोड़ रुपये के उपयोग में गंभीर अनियमितताओं की ओर भी इशारा किया है। हिमाचल प्रदेश राज्य सरकार का हलफनामा ग्रामीण स्वास्थ्य सेवा के बुनियादी ढांचे में सुधार के स्तर तक का भी नहीं था। और यह कोई अकेली घटना नहीं है, हिमाचल प्रदेश में प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में डॉक्टरों की भारी कमी है, जहाँ बड़े पैमाने पर तबादलों और केवल 11 नई नियुक्तियों के बावजूद 43 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारी ही नहीं हैं। अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि अप्रैल 2025 में 400 करोड़ रुपये का आयुष्मान-हिमकेयर घोटाला भी उजागर हुआ, जिसमें फर्जी दावे और डेटा चोरी शामिल थी। 
ये सभी राज्य सरकार द्वारा की गई अनियमितताओं की ओर इशारा करते हैं, जो लोगों को उनके स्वास्थ्य सेवा के अधिकार से वंचित कर रही है। केंद्रीय निधियों के इस खुलेआम दुरुपयोग के माध्यम से जनता के विश्वास के इस उल्लंघन और जीवन को खतरे में डालने की जांच की जानी चाहिए। मैं केंद्र सरकार से आग्रह करता हूँ कि वह हिमाचल प्रदेश में सभी केंद्र प्रायोजित योजनाओं और केंद्रीय क्षेत्र की योजनाओं का विस्तृत ऑडिट कराए ताकि सच्चाई उजागर हो, जवाबदेही सुनिश्चित हो और धन की और अधिक बर्बादी को रोका जा सके। आयुष्मान भारत के लक्ष्यों को साकार करने के लिए हिमाचल प्रदेश पारदर्शिता और कुशल स्वास्थ्य सेवा का हकदार है। 

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